*शव रखने का इंतजाम नहीं है चंदवा अस्पताल में*
चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
*एक ही ड्रेसिंग रूम में शव रखे जाने और घायल मरीजों को ईलाज किए जाने से मरीजों के मस्तिष्क में पड़ता है प्रभाव : अयुब खान*
चंदवा। चंदवा सामाजिक कार्यकर्ता एवं कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा है कि चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव गृह नहीं है।
शव रखने का इंतजाम नहीं होने के कारण शव को ओपीडी के सामने ड्रेसिंग रूम में ही बेड में रख दिया जाता है।ड्रेसिंग रूम के एक बेड में शव पड़ा रहता है और वहीं ड्रेसिंग रूम के ही दुसरे बेड में घायल मरीजों को ईलाज किया जाता है।एक ही ड्रेसिंग रूम में शव रखे जाने और घायल मरीजों को ईलाज किए जाने से मरीजों के मस्तिष्क में प्रभाव पड़ता है।
इससे मृतक के परिजनों को परेशानी होती है वहीं ईलाज करा रहे मरीजों के साथ साथ मरीज का ईलाज कराने गए परिवार के सदस्यों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। चिकित्सकों के साथ साथ ड्रेसिंग रूम में कार्यरत अस्पताल कर्मियों को कठीनाई होती है। दुर्घटना जोन प्रखंड होने के कारण यहां सड़क दुर्घटना के अलावा अन्य हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
शिवा टोली के एक बालक का शव करीब दो घंटे तक ड्रेसिंग रूम में पड़ा रहा इस दौरान अस्पताल में आए घायल मरीजों को भी ड्रेसिंग रूम में पड़े शव के बगल के बेड में ही ईलाज किया गया।
अस्पताल में ईलाज करा रहे समाजसेवी निर्मल शर्मा कहते हैं कि सामने शव पड़ा हो और घायल बच्चों मरीजों का ईलाज हो तो ऐसे में ईलाज करा रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ता ही है।
उनका कहना था कि घायल मरीज शव को देख लेगा तो उसे भय हो जाएगा उसके मस्तिष्क पर विपरीत असर पड़ेगा।
पिछले दिनों वज्रपात से एक युवक की देर शाम मौत हो गई थी। शव को रात भर अस्पताल के ड्रेसिंग रूम में ही रखना पड़ गया और ड्रेसिंग रूम में ही मरीजों का भी ईलाज किया गया जो बिमार घायल मरीजों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
अयुब खान ने अस्पताल में एक कमरा आवंटन कर शव गृह बनाने की मांग प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नंदकुमार पांडे, और लातेहार सीएस दिनेश कुमार से किया है। वही श्री खान ने कहा कि यह कार्य अति आवश्यक है।