***ब्यूरो बबलू खान की रिपोर्ट राजधानी न्यूज ***
फादर स्टेन स्वामी की मौत पर श्रद्धांजलि सभा।
युएपीए कानुन का किया विरोध की न्यायायिक जांच की मांग
वृद्ध बिमार एक्टिविस्टों से डर गई है मोदी सरकार : दीपू कुमार सिन्हा
चंदवा। मानवाधिकार रक्षा मंच की अगुवाई में झारखंड के सामाजिक कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में हुई मौत पर इंदिरा गांधी चौंक में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर स्टैन स्वामी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, उनके आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया, सभा की अध्यक्षता सुरेश कुमार उरांव ने की संचालन दिपू कुमार सिन्हा कर रहे थे, सभा में शामिल लोगों ने स्टेन स्वामी की मौत नहीं हत्या है, अंग्रजों के जमाने के कानून रद्द करो, आंदोलनकारियों पर यूएपीए व देशद्रोह कानून लगाना बंद करो, निर्दोष सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक बंदियों को रिहा करो, स्टैन स्वामी की मौत का न्यायिक जांच करो, युएपीए काला कानून रद्द करो, फादर स्टैन स्वामी के विचारों को मंजिल तक पहुंचाएंगे जैसे नारे लगा रहे थे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कमेटी सदस्य सह जिला प्रवक्ता दीपू कुमार सिन्हा ने कहा कि गरीबों, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी को इस व्यवस्था ने बहुत ही कठोर और क्रूर तरीके से मार डाला, उनकी मौत हिरासत में की गई हत्या है, विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होने पर भी उन्हें यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था, उनका जमानत का विरोध किया गया, अदालत के हस्तक्षेप के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था तब तक बहुत देर हो चुकी थी, केन्द्र सरकार की क्रूर तानाशाही ने उनकी जान ले ली, माकपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान ने कहा कि सत्ता को इंसानी खून की आदत लग रही है, इसका पुरजोर विरोध ना हुआ तो जो हमारे समाज के जो सबसे अच्छे इंसान हैं, गरीबों, वंचितों, मजदूरों, किसानों की आवाज़ उठाते हैं, उन्हें यह तानाशाही सरकार निगल जायेगी, मानवाधिकार रक्षा मंच के जिला संयोजक सुरेश कुमार उरांव, फादर अल्फोंस बाख्ला, फादर बासिल डुंगडुंग, सिस्टर सीमा लकड़ा, फिलमोन एक्का, झारखंड आंदोलन कारी मोर्चा सचिव सह बहुजन चेतना मंच कोषाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, सुजीत कुमार, सुरेन्द्र भगत, सरजु उरांव, भाकपा नेता प्रमोद कुमार साहु, सुमन सुनील सोरेंग ने केंद्र की भाजपा सरकार की फांसीवादी नितियों का पुरजोर विरोध किया, कहा कि आज जो भी व्यक्ति केन्द्र सरकार की नीतियों पर असहमति जताएगा उसको सरकार युएपीए कानुन का दुरूपयोग कर उन्हें फंसाकर जेल में डाल देगी इन सभी ने अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए इस हत्या के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान सभी लोकतंत्र पसंद लोगों से किया।