नई दिल्ली, कोरोना संकट के इस मुश्किल दौर में कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनकी जीविका की सुरक्षा के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) ने कई सुविधाओं की घोषणा की है। इनमें कोरोना संक्रमण के दौरान ईएसआईसी और संबद्ध अस्पतालों में खुद और परिजनों का मुफ्त इलाज, कोरोना संक्रमण के चलते काम पर नहीं जाने की स्थिति में तीन महीनों तक आंशिक वेतन, किसी अन्य वजह से नौकरी छूट जाने पर बेरोजगारी भत्ता और ऐसी कई सुविधाएं शामिल हैं। पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर के दौरान कर्मचारियों को हुई दिक्कतों से सबक लेते हुए ईएसआईसी इस दूसरी लहर के दौरान कर्मचारियों को ये सुविधाएं दे रही है।
संस्था के मुताबिक ईएसआईसी के दायरे में आने वाले किसी भी कर्मचारी या उसके परिजन कोरोना संक्रमण से पीड़ित होते हैं तो उन्हें ईएसआईसी या ईएसआइएस के कोरोना अस्पताल में मुफ्त में उपचार मिलेगा। यदि ऐसे कर्मचारी उसके के परिवार का सदस्य कोरोना से संक्रमित होने पर किसी निजी अस्पताल में उपचार लेते हैं तो वे खर्च की भरपाई का दावा कर सकते हैं। अभी ईएसआईसी की तरफ से प्रत्यक्ष तौर पर 21 अस्पताल चलाए जा रहे हैं जहां 3,676 कोरोना बेड उपलब्ध हैं। इन अस्पतालों में 229 आइसीयू बेड और 163 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था है।
अगर ईएसआईसी कर्मचारी की मौत हो जाती है उसके दाह संस्कार के लिए उसके परिवार को 15,000 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, ईएसआईसी के दायरे में आने वाले कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने की वजह से अपने कार्य से गैरहाजिर रहते हैं तब भी उन्हें उस अवधि का वेतन मिलता रहेगा। बीमारी के इलाज के दौरान 91 दिनों तक गैर-हाजिर रहने पर भी कर्मचारी बीमारी हित लाभ के तहत वेतन का दावा कर सकता है। इस दौरान कर्मचारी को एक दिन के 70 फीसद वेतन के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
ईएसआईसी से कवर्ड कर्मचारी अगर फैक्ट्री या संस्थान के बंद होने के कारण या छंटनी का शिकार हो बेरोजगार हो जाता है तो उसे दो वर्षो के लिए राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। अगर कवर्ड कर्मचारी किसी अन्य कारण से बेरोजगार हो जाता है तो उसे अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 90 दिनों तक आर्थिक मदद दी जाएगी। इस दौरान उस व्यक्ति के रोजाना के औसत वेतन के 50 फीसद की दर से यह मदद मिलेगी। इस राहत को पाने के लिए कवर्ड कर्मचारी को ईएसआईसी के पोर्टल पर जाकर अपना दावा पेश करना होगा।