महुआडांड़ /मोहम्मद शहजाद आलम।
गर्मी शुरू होते ही देसी फ्रिज यानी कि मिट्टी का घड़ा बिकना शुरू हो जाता है लोग इसे गर्मी के दिनों में पानी पीने के लिए यूज करते हैं। बता दे कि महुआडांड़ से लगभग 14 किलोमीटर दूर ग्राम गोठगांव से बहुत सारे कुम्हार महुआडांड़ बाजार में घड़ा, ढकनी, सुराही,कलशा, कढ़ाही, चुक्का, दीया समेत अन्य प्रकार की मिट्टी से बने सामान बेचने आते हैं। हम लोगों के पास अभी 20रु से लेकर 100रू तक का घड़ा उपलब्ध है। ग्राम गोठगांव के तेतरी कुम्हार माधव कुम्हार सोहराई कुम्हार दिले कुम्हार परमेश्वर कुम्हार भरत शाह कुम्हार आदि लोगों ने बताया कि हम लोगों के द्वारा पूजा शादी समारोह मृत्यु के कार्य से संबंधित सभी प्रकार के मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। हम लोगों का 3 महीना का सीजन होता है मार्च से लेकर मई तक हम लोग सभी बाजार घूम-घूम कर खड़ा बेचने का कार्य करते हैं।
9 माह तक नहीं रहता है कोई काम
उसके बाद हम लोगों के पास कोई दूसरा काम नहीं होता है। जब किसी का ऑर्डर आता है तो ही हम लोगों के द्वारा मिट्टी का बर्तन बना कर दिया जाता है।अन्यथा 3 महीने के बाद पूरे 9 महीने हम लोग बैठ जाते हैं इस 9 महीनों में हम लोगों के पास कोई कार्य नहीं होता है।
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा चाक कराया गया है उपलब्ध
वही तेतरू कुम्हार ने बताया कि हमारे बहुत सारे कुम्हार भाइयों को छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा चाक उपलब्ध कराया गया है जिससे वे सभी अपना जीवन यापन करते हैं और बड़े पैमाने पर मिट्टी के बर्तनों का निर्माण कर अन्य स्थानों में बेचने का कार्य करते हैं। अगर हम लोगों को भी जिला प्रशासन के द्वारा चाक उपलब्ध करा दिया जाता तो हम लोगों के द्वारा भी मिट्टी के अन्य प्रकार के बर्तन बनाकर दूसरे स्थानों पर बेचने का कार्य किया जाता। इससे हमारा सालों भर कार्य चलते रहता। और हम लोगों को दूसरे कार्य करने की कोई जरूरत भी नहीं होती हम जिला प्रशासन से आग्रह करते हैं कि हम लोगों को छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज में चाक उपलब्ध कराया जाए। आगे उन्होंने बताया कि बीते वर्ष भी कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन लगा हुआ था उस समय हम लोगों के बीच भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी और आज भी वही स्थिति देखने को मिल रही है।