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Tue. Feb 4th, 2025

पलाश के फूल इन दिनों जंगल की तराईयो मे पटे पेड़ पहाड़ की हरियाली में गुलाबी-केसरिया रंग बिखेर रहा 

घाटशिला

इन दिनों जंगल की तराई वाले इलाके में पलाश के फूल मनमोहक हो उठी है । फूल से पटे पेड़ पहाड़ की हरियाली में गुलाबी-केसरिया रंग बिखेर रही हैं। पलाश के ये फूल संकेत देते हैं कि फागुन आ गया है व सर्दी की विदाई एवं गर्मी की शुरुआत होने वाली है । पलाश के फूल झारखंड का राजकीय फूल है जो पेड़ों पर खिलते हैं। इस फूल से प्राकृतिक रंग भी तैयार किया जाता है जो त्वचा की चमक बढ़ाता है व इसे लगाने से त्वचा में निखार भी आता है । उक्त पेड़ में लगी पलास की फूल ग्रामीण क्षेत्रों के बुरुडीह एवं आसपास के निचले इलाके के घने जंगलों की है यहां ये फूल पहाड़ो को रंगीन बना दिया है। जंगलों में ऐसे सैकड़ों पेड़ देखने को मिलता है ।

ग्रामीणों क्षेत्रों के लोगों इन्हीं फूलों से होली का करते हैं शुभारंभ

ग्रामीण क्षेत्रों में जंगल के समीप रहने वाले लोगों रंगों का त्योहार होली का शुभारंभ इन्हीं पलास कै फूलों से ही होली खेलने का शुभारंभ करते हैं । ग्रामीणों का कहना है कि पहले से ही हमारे पूर्वजों ने होली का शुभारंभ पलास के फूलों से करते आए हैं । जिसे आज हम लोग भी अपनाते आ रहे हैं । वहीं कुछ ग्रामीणों कि कहना है कि वर्तमान में जो रंग बाजार में मिल रहा है वह पुरी तरह से कैमिकल से बना है । जिसे लगाने से त्वचा भी ख़राब होगा और कभी कभार तो कैमिकल युक्त रंगों से चर्म रोग की भी शिकायत हो जाती है। हम ग्रामीण के पास इतना पैसा नहीं है कि चर्म रोग होने पर अपनी इलाज करा सके ।

घाटशिला कमलेश सिंह

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