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प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब भरा हुआ है बारेसांढ़ पंचायत के हेनार गांव

हेनार में सरकारी सुविधाएं के नाम पर महज खानापूर्ति, सड़क पेयजल का भी अभाव

उमेश यादव

गारू/लातेहार :- गारू प्रखंड के बारेसांढ़ पंचायत अंतर्गत भारत की आजादी से पहले ही बसाया गया है तीन गांव, लाटू, कुजरूम तथा हेनार। यह तीनो गांव के विकास की गति बाकि के तुलना में देखें तो बहुत ही दयनीय स्थिति है। गारू प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर तथा बारेसांढ़ से भी लगभग 20 किलोमीटर दुरी पर बहुचर्चित पर्यटन स्थल नेतरहाट के तराई पर बसा है,हेनार गांव। यहाँ जाने के लिए मारोमार पुलिस पिकेट के पास से ही एकमात्र कच्ची सड़क है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा दिखता है क्योंकि तीन ओर से पहाड़ों से घिरा यह गांव खुद में एक घाटी का निर्माण करता है। हेनार के बिचोबीच गुजरने वाली एक छोटी झरना यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता पर और चार चाँद लगा देती है।

सैकड़ों वर्ष से हेनार में आदिवासियों ही कर रहे हैं जीवन यापन, अब तक सैंकड़ो घर बन चुके हैं

कहा जाता है हेनार में नेतरहाट क्षेत्र आकर आदिवासी समुदाय बसे हैं। यही कारण है की नेतरहाट की तरह की यह गांव नागेसिया व बृजिया समुदाय बहुल है। हालांकि यहाँ पर उरांव जनजाति भी निवास करते हैं।

ग्रामीणों नें बातचीत में बताया कि, हेनार में सभी को मिलाकर लगभग 100 घर हैं। इस गांव के शिक्षा के बारे में दो विद्यालय बना है जो हेनार तथा कारीहेनार में स्थित है।

पेयजल की गंभीर समस्या, आधा दर्जन चापाकल एक साल से खराब

इस गांव मे पेयजल की भारी समस्या है, ग्रामीण गहनू बृजिया, श्यामदेव नगेसिया, महेंद्र बृजिया, फुलेश्वर बृजिया, धनेश्वर किसान आदि ने बताया कि इस गांव के दो टोले के लोग नालों के चूँवा से दुषित पानी पी रहे हैं। उन्होने बताया कि गांव मे कई चापाकल वर्षों पहले लगे थे, इनमे आठ चापाकल मरम्मत के अभाव में खराब है या शुष्क हो गये है। फिलहाल दो दर्जन परिवार सोहन बृजिया के घर के पास लगे सोलर टंकी से प्यास बुझाते हैं। जबकि दो टोले महुआ टोंगरी एवं डेगाडेगी टोले के दो दर्जन ग्रामीण पास के नाले के चूँवा से पानी पीने पर विवश है। यह गांव जंगलों से घिरे होने के कारण दूरसंचार एवं सरकार की चिकित्सा सुविधा से पुरी तरह वंचित है। गांव मे एक भी स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सा नही रहते हैं, न दवा मिलती है।इसके ग्रामीणो को गारू मुख्यालय पर निर्भर रहना पडता है।

 इन ग्रामीणों का चापाकल खराब है

गांव के अजय बृजिया,बंधन बृजिया, आरविंद बृजिया,सीमोन बृजिया, सुनीता देवी, धनेश्वर किसान आदि का चापाकल एक बर्ष से मरम्मत के अभाव मे खराब है।

अभी तक हेनार में दो ही लाभुक को पीएम आवास मिला है

हेनार में लगभग एक सौ परिवार रहते हैं, लेकिन अभी तक दो ही ग्रामीण को पीएम आवास मिला है। जबकि दोनों आवास अधूरा दिखाई पड़ता हैं। इतना ही नहीं स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर साफ घोटाला प्रदर्शित होता है। उस गांव में कई शौचालय उपयोग लायक नहीं बनाया गया है।

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