गिरिडीह :बालू का रेट तय करे सरकार 3 गुणा बालू का रेट चढ़ा के बेच रहे है ट्रेक्टर वाले आखिर पैसा कौन ले रहा है कौन कर रहा है कालाबाजारी।
अवैध बालू उठाव लगातार चल रहा है,कुछ दिन ऊपरी पुलिसिया कार्यवाई से शांत थे,फिर निचले लेबल एजेंट और प्रशासन के साठ-गाठ से शुरू हो गया दिनदहाड़े बालू चोरी,डेढ़ महीने माले के आवेदन पर चोरी रुकी हुई थी,अब धड़ल्ले से हो रही है बालू उठाव,आखिर इसके पीछे झारखंड सरकार की मनसा क्या है?
भाजपा सरकार के काल मे भी लूट जारी था अब वर्तमान सरकार में भी लूट जारी है,इधर ट्रेक्टर वाले 700 के जगह 2000 रुपये प्रति गाड़ी बालू बेचना शुरू किए है आखिर माजरा क्या है,रात के अंधेरे में नदी घाटो में ट्रैक्टर का हुजूम लगा रहता है,कौन सह देता है इनको इसके बारे में जानकारी किस अधिकारी को नही है।
उसरी बचाव अभियान के अंतर्गत खनन विभाग,नगरनिगम,उपायुक्त कार्यालय को आवेदन दिया गया था छापा मारी भी हुई लेकिन फिर जस का तस हो रहा है।
बालू जरूरी है बालू के बिना विकास संभव नही है मानता हूं टेंडर भी जरूरी है,पर्यावरण को बचाना भी जरूरी है लेकिन प्रतिनिधि और प्रशासन का सुस्त रवैया आम लोगो को दिख रहा है।
बढाकर नदी हो या उसरी नदी सब के सब उजाड़ हो जाएगा दोषी सरकार है प्रशासन है, टेंडर के लिए आंदोलन करना होगा आंदोलन को बाध्य होगा माले।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट