गोड्डा
राजाभीठा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रबोध सोरेन जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी गोड्डा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने बताया की झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव द्वारा निर्गत आदेश के आलोक में 14 वित्त आयोग अंतर्गत कनीय अभियंता एवं लेखा लिपिक कंप्यूटर ऑपरेटर की नवीनीकरण नहीं करना राज्य सरकार की तुगलकी फरमान दर्शाती है।
ज्ञात हो कि 14 दिसंबर 2020 को माननीय नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री कृषि कल्याण तथा पंचायती राज भारत सरकार द्वारा प्रेषित पत्र जो माननीय आलमगीर आलम मंत्री संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार को प्रेषित है। उक्त पत्र में माननीय केंद्र मंत्री ने 15वें वित्त आयोग में स्थानीय विशिष्ट गतिविधियों में पूंजीगत व्यय के बीच कोई अंतर नहीं है का जिक्र किया है। पंचायतें 15वें वित्त आयोग अनुदान का उपयोग अनिवार्य गतिविधियों में पंचायतों में ग्रामीण निवासियों में सेवा प्रदान के लिए वार्षिक रखरखाव सेवा अनुबंध कर सकते हैं। उक्त पत्र में मंत्री महोदय ने झारखंड सरकार को निर्देश किया कि लेखा लिपिक कंप्यूटर ऑपरेटर और कनीय अभियंता के सेवाओं को 15वें वित्त आयोग के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों के अनुज्ञेय एवं अधिदिष्ठ कार्य/ गतिविधियों को संचालन करने का प्रस्ताव आउट सोर्स आधार पर सेवा अनुबंध पर विचार किया जा सकता है। जिसके आलोक में संबंधित कर्मी का अपने मांगों के समर्थन में राजधानी में धरना देना युक्तिसंगत प्रतीत होता है। परंतु हेमंत सरकार ने धरनार्थियों को मांगों के विरुद्ध वार्ता न करके धरना स्थल से तितर-बितर करना राज सरकार की तानाशाही रूप दर्शाती है। भारतीय जनता पार्टी हेमंत सरकार के इस घृणित कार्य की पूरी पूरी निंदा करती है साथ ही साथ अपेक्षा रखती है कि केंद्र सरकार के दिए गए आग्रह और निर्देश को अक्षर से अनुपालन करते हुए 14 वित्त आयोग के अंतर्गत कार्यरत कनीय अभियंता लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर की सेवा को 15वें वित्त आयोग में भी विस्तार व नवीनीकरण करेंगे
प्रेस वार्ता के दौरान सोना राम सोरेन, भाजपा मंडल अध्यक्ष कुसुम घाटी ,अजय कुमार कोषाध्यक्ष, सुकलाल सोरेन मंडल कार्यकारिणी सदस्य, रामप्रसाद पंडित पंचायत अध्यक्ष राजबिठा, बुधराम मुर्मू पूर्व मंडल अध्यक्ष,महागामा मुकेश राजभर भाजपा सदस्य उपस्थित थे।
गोड्डा से कौशल कुमार की रिपोर्ट