पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के राज्य कार्यकारणी झारखण्ड के निर्देशानुसार दिनाँक 01 दिसम्बर को काला दिवस मनाने का निर्देश हुआ है,उस दिन झारखण्ड राज्य के सभी जिलों/प्रखण्डों के सभी विभागों के एन पी एस कर्मी/पदाधिकारी/शिक्षक अपने-अपने कार्यालय/विद्यालय में विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर कार्य करेंगे।
ज्ञातव्य हो 01 दिसम्बर 2004 ई को ही ये काला कानून हम कर्मचारियों/पदाधिकारियों/शिक्षकों पर लागू किया गया था, जिसके तहत सेवा नृवती के पश्चात मिलने वाले पुरानी पेंशन को बन्द कर एक नई पेंशन सिस्टम लागू किया गया है जिसमें कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है, ये पूर्णतः शेयर बाजार पर आधारित कर्मचारियों के विरुद्ध नियम है जिसका हम सभी कर्मचारी जो 2004 के बाद नियुक्त हुए हैं विरोध करते हैं और आंदोलन के माध्यम से सरकार से पुनः पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
विगत विधानसभा चुनाव से पहले मोरहाबादी मैदान में हमारी सभा में आकर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष श्री हेमंत सोरेन जी ने घोषणा किया था कि इस बार यदि हमारी सरकार बनती है तो हम आपकी माँग को पूरा करेंगे और पुनः पुरानी पेंशन बहाल करेंगे।
विगत विधानसभा चुनाव के चुनावी घोषणा पत्र में भी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, झारखण्ड विकास मोर्चा,राष्ट्रीय जनता दल आदि राजनैतिक पार्टियों ने भी पुरानी पेंशन बहाली के वादा किया है, इसलिए सरकार पर दबाव बनाने हेतु हमलोग ये कार्यक्रम काला दिवस के रूप में पहली दिसम्बर को कर रहे हैं।हमें उम्मीद है कि गिरिडीह जिला के हजारों कर्मी उस दिन इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
गिरिडीह से चन्दन पाण्डेय के साथ डिम्पल की रिपोर्ट