आज एआईएसएम जर्नलिस्ट वैलफेयर एसोसिएशन की पहल रंग लाई है.दुमका में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बयान को छापने वाले अखबार के पत्रकारों को पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस पर डीजीपी ने ट्वीटर पर संज्ञान लिया और नोटिस की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए डीआईजी दुमका को जाँच के आदेश दिये.
@dprakashbjp पर दुमका में दर्ज देशद्रोह के केस में उन पत्रकारों को भी पुलिस ने नोटिस भेजा है जिसने दीपक प्रकाश का बयान छापा था. ऐसोसिएशन प्रताड़ना की इस नई परंपरा का विरोध करती है. @HemantSorenJMM @dasraghubar @MVRaoIPS @JmmJharkhand @Pritambhatiya @BJP4Jharkhand @INCJharkhand
— AISM Journalist Welfare Asso.Jharkhand (@AismJharkhand) November 2, 2020
बताते चलें कि सरकार गिरा देने के बयान को लेकर दीपक प्रकाश के बयान को दुमका के अखबारों ने प्रकाशित किया था.इस खबर के प्रकाशित होने के बाद दुमका के कुछ अख़बार के स्थानीय ब्यूरो चीफ को दुमका नगर थाना द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत करने का नोटिस भेजा गया था.मामले की जानकारी मिलने पर एसोसिएशन के द्वारा इस मामले को ट्वीट कर सरकार से नोटिस वापस लेने की मांग की गई जिसके बाद डीजीपी ने डीआईजी दुमका को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया.डीआईजी ने नोटिस का तमिला करने वाले प्रशिक्षु एसआई को थाना से हटाते हुए थानेदार को भी शो काॅज कर दिया.एसोसिएशन की इस पहल का राज्य के सभी पत्रकारों ने स्वागत किया है.
अगर राज्य में सत्ता या विपक्ष के बयानों के आधार पर पत्रकार साथियों को प्रताड़ित करने की नई परंपरा की शुरुआत होगी तो चौथे स्तम्भ की स्वतंत्रता समाप्त हो जाएगी और फिर जनहित के मुद्दों पर भी सच लिखने से पहले सोचना होगा.मुख्यमंत्री महोदय इस पर रोक लगानी चाहिए🙏@drajoykumar @welfeyar https://t.co/NctA5zSZNL
— Pritam Singh Bhatia (@Pritambhatiya) November 2, 2020
हालांकि राज्य में हो रहे पत्रकार प्रताड़ना के मामलों को लेकर आज ही एसोसिएशन के बिहार/झारखंड प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने राज्यपाल,प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शंकर गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष,प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह और दुमका जिला अध्यक्ष राकेश चंदन ने प्रधानमंत्री,चुनाव आयोग,गृहमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र लिखा है.