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Thu. Dec 11th, 2025

गव्य विकास, पशुपालन व मत्स्य योजनाओं की समीक्षा बैठक संपन्न*

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय स्थित प्रकोष्ठ में गुरुवार को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी चंदन कुमार की अध्यक्षता में गव्य विकास, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति से संबंधित प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।

उपायुक्त को जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत 1603 लाभुकों को लाभ देने का लक्ष्य तय है। अब तक चयन समिति के माध्यम से 779 लाभुकों को डीबीटी से राशि हस्तांतरित की गई है और 195 यूनिट का वितरण पूरा हुआ है। वहीं वर्ष 2024-25 में 2596 लाभुकों को डीबीटी से राशि दी गई और 2082 यूनिट का वितरण किया गया।

उपायुक्त ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि चालू वित्तीय वर्ष में लक्ष्य के अनुरूप सभी लाभुकों का चयन एवं उनके एस्क्रो बैंक खातों का समय पर संचालन सुनिश्चित किया जाए, ताकि राशि हस्तांतरण में देरी न हो।

गव्य प्रक्षेत्र से संचालित योजनाओं पर भी विस्तृत समीक्षा की गई। विभाग ने बताया कि 2 गाय, 5 गाय एवं 10 गाय वितरण योजना के अलावा चारा कटिंग मशीन, खोवा मेकिंग मशीन आदि सब्सिडी दर पर लाभुकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। 2 गाय वितरण योजना में 150 लाभुकों के लक्ष्य के विरुद्ध 134 का चयन किया जा चुका है तथा लगभग 60 लाभुकों के एस्क्रो खाते खुल गए हैं।

उपायुक्त ने निर्देश दिया कि जिन लाभुकों के बैंक खातों का केवाईसी लंबित है, उनमें जल्द सुधार कर राशि हस्तांतरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ किसी भी परिस्थिति में लंबित नहीं रहना चाहिए।

बैठक में यह भी बताया गया कि गव्य प्रक्षेत्र की योजनाओं में तीन वित्तीय वर्षों के दौरान कई लाभुकों द्वारा अंशदान राशि जमा न करने के कारण वितरण कार्य अधूरा है। इस पर उपायुक्त ने संबंधित लाभुकों को नोटिस जारी कर निर्धारित समय सीमा में अंशदान जमा कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मिल्क चिलिंग प्लांट के संचालन हेतु झारखंड मिल्क फेडरेशन से समन्वय स्थापित करने और कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया।

मत्स्य विभाग की समीक्षा में बताया गया कि 498 तालाबों के बंदोबस्ती लक्ष्य के विरुद्ध 435 तालाबों का कार्य पूरा कर लिया गया है। जिले की तीन बंद खदानों में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन किया जा रहा है और अन्य बंद खदानों का सर्वेक्षण भी जारी है।

बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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