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Thu. Dec 11th, 2025

पूर्वी सिंहभूम में मॉडल सोलर विलेज निर्माण को लेकर उपायुक्त की समीक्षा बैठक, सौर ऊर्जा के माध्यम से विकास को मिलेगा नई गति

जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले में पीएम–सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मॉडल सोलर विलेज निर्माण की प्रगति की समीक्षा के लिए उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में बुधवार को समाहरणालय सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पूर्व में हुई जिला स्तर की समिति की बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों के अनुपालन और प्रगति की चर्चा की गई तथा सभी संबंधित बीडीओ से क्षेत्रीय स्थिति की विस्तृत जानकारी ली गई।बैठक में दस चयनित गांवों में चल रही सौर ऊर्जा संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई और इस बात पर विचार-विमर्श किया गया कि किन योजनाओं का संचालन कर बड़े जनसमूह को लाभान्वित किया जा सकता है। मॉडल सोलर विलेज के लिए जिले के सात प्रखंडों के दस गांव चुने गए हैं। इसमें मुसाबनी प्रखंड के पारूलिया व धोबनी, धालभूमगढ़ के कोकपाड़ा–नरसिंहगढ़, घाटशिला का बड़ाजुड़ी, पोटका के हाड़तोपा व कालिकापुर, बहरागोड़ा के मानुषमुड़िया, पटमदा के बड़ा बांगुड़दा व बिडरा तथा बोड़ाम प्रखंड का बोड़ाम गांव शामिल हैं। इन गांवों का चयन 5000 से अधिक जनसंख्या वाले या जिले में ऐसी संख्या में गांव न होने पर अधिकतम आबादी वाले गांव के रूप में किया गया है।दिसंबर 2025 से मई 2026 तक छह महीने का “चैलेंज पीरियड” निर्धारित किया गया है। इस दौरान पीएम–कुसुम सहित अन्य सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की स्थापना व वितरण के साथ-साथ गांवों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा। छह महीने के अंत में जिसके गांव में अधिकतम नवीकरणीय ऊर्जा अधिष्ठापन क्षमता होगी, उसे ‘मॉडल सोलर विलेज’ घोषित कर 01 करोड़ रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।उपायुक्त श्री सत्यार्थी ने निर्देश दिए कि चयनित सभी गांवों में ग्राम सभा आयोजित कर ग्रामीणों को योजना की पूरी जानकारी दी जाए। साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा संचालित सौर योजनाओं की पात्रता, सब्सिडी और आवेदन प्रक्रिया स्पष्ट रूप से समझाई जाए। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने और सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगवाने, पीएम–कुसुम के विभिन्न घटकों के क्रियान्वयन, सौर सिंचाई व्यवस्था, सोलर स्ट्रीट लाइट तथा सोलर हाई मास्ट लाइट लगाने की व्यावहारिक कार्ययोजना बनाने व उसके समयबद्ध क्रियान्वयन पर भी ज़ोर दिया।उन्होंने ग्रामीणों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाने पर ज़ोर देते हुए कहा कि वे अधिक से अधिक सौर ऊर्जा अपनाकर ‘ग्रीन विलेज, क्लीन विलेज’ की दिशा में कदम बढ़ाएं, जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में जिले को अग्रणी बनाया जा सके।

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