Breaking
Wed. Jan 22nd, 2025

अवैध धर्मांतरण और पलायन को रोकने की माँग:

गुवा-: पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा जिले में आदिवासी समुदायों पर अवैध धर्मांतरण को रोकना अत्यंत आवश्यक हो गया है, इस मांग को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच पश्चिम सिंहभूम के सह संयोजक हरिचरण साण्डिल ने राष्ट्रीय सदस्य, जनजाति आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली, आशा लाकड़ा को एक स्मार पत्र सौंपा है।

हरिचरण साण्डिल ने अपने पत्र में चाईबासा जिले में आदिवासियों के आर्थिक, शैक्षिक, और सामाजिक स्थिति की दयनीयता को रेखांकित किया है। इस क्षेत्र में मुख्यतः हो, मुंडा, उरांव, भूमिज आदि जनजातियाँ निवास करती हैं। पत्र में जिक्र किया गया है कि इन जनजातियों को ईसाई धर्मलंबियों द्वारा जबरन धर्मांतरित किया जा रहा है, जो कि **झारखंड धर्म स्वतंत्रता कानून 2017** का उल्लंघन है। बिना ग्राम सभा और उपायुक्त की अनुमति के जनजातियों का अवैध धर्मांतरण किया जा रहा है, जिससे उनकी संस्कृति और पारंपरिक रीति-रिवाजों को नुकसान पहुंच रहा है।

**सी.एन.टी. एक्ट का उल्लंघन** भी पत्र में उजागर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि कई गांवों में बिना ग्राम सभा की सहमति के चर्च बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में रोजगार की कमी के कारण जनजातीय युवक-युवतियाँ पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं।

हरिचरण साण्डिल ने इन तथ्यों के आधार पर जिला प्रशासन और सरकार से अपील की है कि वे अवैध धर्मांतरण और पलायन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। जनजाति सुरक्षा मंच ने प्रशासन का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया है और जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई की माँग की है।

इस अपील का उद्देश्य चाईबासा जिले के जनजातीय समाज की सुरक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा, और उनकी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को सुनिश्चित करना है। आदिवासी समुदाय के लिए बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करने और उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारने के लिए भी पहल की जानी चाहिए।

हरिचरण साण्डिल की इस पहल को जनजाति समाज के कई नेताओं और संगठनों का समर्थन मिल रहा है, जो इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कोशिश कर रहे हैं। जनजाति आयोग और अन्य संबंधित विभागों से अपेक्षा है कि वे इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई करेंगे।

Related Post