नई दिल्ली -: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी गई जमानत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। यह निर्णय प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के बाद आया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने ED की याचिका को खारिज कर दिया। ED ने 28 जून के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हेमंत सोरेन को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में कोई त्रुटि नहीं है और इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इस निर्णय से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है, जो कि राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
हेमंत सोरेन की जमानत का मामला झारखंड में राजनीतिक हलचल का विषय बना हुआ है। ED की कार्रवाई और जमानत के आदेश ने राज्य की राजनीति में कई सवाल उठाए हैं। इस निर्णय के बाद, सोरेन के लिए आगे की राह थोड़ी आसान हो गई है, लेकिन राजनीतिक चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं।
इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधियों को जारी रखने में मदद करेगा।