चाईबासा : सारंडा के नागरा में स्थित एकमात्र पशु चिकित्सालय सारंडा वासियों के लिये वर्षों से सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस अस्पताल में नियुक्त सरकारी पशु चिकित्सक कभी आते हीं नहीं है। ग्रामीणों को यह भी पता नहीं है कि इस अस्पताल में कौन पशु चिकित्सक नियुक्त हैं। चिकित्सक अपने घर में अथवा चाईबासा, मनोहरपुर में रहकर ही ड्यूटी बजाते और वेतन उठाते रहते हैं। छोटानागरा निवासी प्रकाश गोप ने बताया कि तीन गाय को सीमोन डलवाना था, ताकि वह गर्भवती हो सके। यहां के पशु चिकित्सालय में कभी कोई डॉक्टर रहते नहीं हैं, हमेशा ताला बंद रहता है। इस संबंध में गुरुवार की सुबह मनोहरपुर के पशु चिकित्सक डॉक्टर संजय को फोन किया। उन्होंने किसी विकास नामक चिकित्सक को गुरुवार को छोटानागरा भेजा, लेकिन वे एक गाय में सिमोन डालकर भाग गये। एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी गोवर्धन ही बीच बीच में आते हैं। छोटानागरा एवं आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि बकरी, मुर्गी, गाय, बैल आदि को अज्ञात बीमारी नष्ट कर रहा है, जो चिंता का कारण बना हुआ है। जब सरकार छोटानागरा में सरकारी पशु चिकित्सालय खोली है तो डॉक्टर व अन्य स्टाफ नियमित क्यों नहीं रहकर जानवरों का इलाज करते हैं।