वहीं प्रसिक्षित शिक्षको ने कहा की झारखण्ड सरकार अब तक संथाली भाषा और जनजातिय एवं क्षेत्रीय भाषा शिक्षको की बहाली अब तक नहीं किया हैं,जिससे प्रशिक्षित शिक्षको में काफ़ी रोष हैं,हमलोग ने सरकार को कई बार इस मामले को लेकर अवगत करा चुके हैं लेकिन सरकार ने किसी प्रकार की पहल अब तक नहीं किया,झारखण्ड अलग होने के बाद पीजिटी के भेकैंसी आया, लेकिन अब तक संथाली भाषा एवं अन्य जनजातीय भाषा को भेकैंसी से दरकिनार रखा गया, इसी विषय को लेकर 3 जुलाई को जिला उपायुक्त कार्यालय के समीप हमलोग एक दिवसीय धरना देंगे।