मांडर :- संत अन्ना धर्मसमाज की संस्थापिका ईश सेविका माता बेर्नादेत किसपोट्टा की जन्मस्थली मांडर क़े गांव सरगांव में रविवार को वार्षिक तीर्थ यात्रा का भब्य आयोजन किया गया । इसमें हजारों की संख्या में कैथोलिक मसीही विश्वासी शामिल हुए। आर्च विशफ़ विंसेंट आइंद ने धार्मिक विधि पूर्ण कराई। पूर्व में माता बेर्नादेत की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की गई। आर्च बिशप ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में संत बनने की क्षमता है। यही वजह है कि हमलोगों को बुलाया गया है।उन्होंने कहा कि पवित्र मिस्सा बलिदान जो प्रभु की आज्ञा व स्मृति में किया करते हैं, यह स्वर्ग की ओर उन्मुख करता है। जैसा प्रभु यीशु ने अपने शरीर और रक्त को दूसरे के लिए समर्पित किया। वही वैसे यूखीस्तीय में भाग लेने की सफल सार्थकता सिद्ध तभी होगी जब हम भी अपने जीवन को दूसरों के लिए समर्पित करेंगे। माता बेर्नादेत की जीवनी को सि. प्रेमा, सि. रंजना व सि. रजनी कंचन द्वारा पढ़कर सुनाया गया। उनकी जीवन पर आधारित ‘आध्यात्मिकता’ नामक पुस्तक का भी लोकार्पण किया गया। मौके पर फादर फ्रांसिस मिंज, फादर रिमांड केरकेट्टा, मांडर पल्ली पुरोहित फादर प्रसन्न तिर्की, फादर तोबियास टोप्पो, फादर आसित टोप्पो, फादर वाल्टर किस्पोट्टा, फादर नीलम तिरु के अलावा विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, संत अन्ना धर्मसमाज की मदर जेनरल, सि. मगदली भेंगरा , सि. निर्मला ज्योति कच्छप, सि. सरोज, सि. ज्योति जसिन्ता मिंज,ललिता रौशनी लकड़ा, अनुपा कुजूर, सुजाता कुजूर सहित अन्य मौजूद थे ।