सिंहभूम चैम्बर ने एयरलाइंस कंपनी इंडियावन एयर की नई बैगेज नीति पर आपत्ति जताते हुये इसके विरोध में नागरिक उडड्यन महानिदेशक, नई दिल्ली को पत्र लिखकर इसपर इंडियावन एयर को अपनी इस नई नीति पर फिर से समीक्षा करने हेतु हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए इसपर उनका ध्यानाकृष्ट कराया है। तथा इसकी प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी प्रेषित किया गया है। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि यात्री अगर अपने गंतव्य तक जाने के लिये हवाई यात्रा करता है तो वह आसान और आरामदायक यात्रा के लिये स्वयं ही कम बैगेज ले जाने की कोशिश करता है। लेकिन कभी-कभी आवश्यकतानुरूप बैगेज के वजन की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके लिये पहले ये इंडियावन एयर के द्वारा उपलब्ध बैगेज नीति जो चेकइन में 15 किलोग्राम तथा हैण्ड/केबिन बैगेज की वजन की सीमा 7 किलोग्राम तक मुफ्त थी भी कम होती थी। इस नीति में बदलाव करते हुये इंडियावन एयर ने इसे लगभग आधा करते हुये चेकइन बैगेज की वजन सीमा को 15 से घटाकर 8 किलोग्राम तथा हैण्ड/केबिन बैगेज की वजन सीमा को 3 किलोग्राम कर दिया है। जो कहीं से भी तर्कसंगत और उपयुक्त नहीं है। इससे हवाई यात्रियों विशेषकर ऐसी हवाई यात्री जो अपने परिजन मरीजों को ईलाज हेतु बार-बार हवाई यात्रा करते हैं, आवश्यक काॅर्पोरेट बैठकों में शामिल होने जाते हैं, सेमिनार आदि हेतु हवाई यात्रा करते हैं उनपर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ेगा। इसलिये नागरिक उड्डयन महानिदेशक से आग्रह किया गया है कि वह इस नई नीति पर हस्तक्षेप करते हुये कंपनी को इसपर फिर से समीक्षा हेतु दबाव बनाये।
चैम्बर के अन्य पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, सुरेश शर्मा लिपु एवं कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी महानिदेशक से अनुरोध किया है इस मुद्दे पर जल्द से जल्द हस्तक्षेप करते हुये एयरलाइंस कंपनी को इसपर समीक्षा करने हेतु दबाव बनाये।