पोटका के नुतनडिह गांव में 22 जनवरी 2024 को आदिवासी भूमिज- समाज के लोगों द्वारा माघ और बुरु पूजा के साथ माघ बुरु शुसुन दुरांग आयोजन हुआ। जिसमें इस गांव के हर घर में अपने-अपने मेहमानों का भरमार रहा। सवेरे गांव के नाया और देउरी पूजा के लिए गांव के जाएर स्थान पर निकले। क्योंकि माघ और बुरु पूजा आदिवासी भूमिज- समाज में पहला पूजा
होता है। पूजा का बाद ही गांव के लोग जंगल जाते हैं। और जंगल में जो झीरुल फुल, साग, पत्ता, जो मिलता है उस सभी को लाकर खाते हैं एवं घरों में उपस्थित मेहमानों को भी खिलते हैं। माघ- बुरु पूजा का बाद ही भूमिज समाज के लोगों का पुंयाल के घर और खापरेल के घर को भी छावनी किया जाता है। नाया देऊरी जब पूजा के लिए यात्रा करते हुए घर से निकलते हैं और रास्ते में जो जो परिस्थितियों को देखते हैं उस परिस्थितियों में आने वाले नई फसलों, होने वाली वर्षा, गांव के लोगों मे बीमार और अच्छाई का भविष्यवाणी किया जाता है। इस पूजा में आदिवासी भूमिज- समाज के पुरुष एवं महिलाओं द्वारा अपनी सांस्कृतिक वेशभूषा में उपस्थित होकर मांडल, लांगडे के साथ संस्कृति नित्य प्रस्तुत किया गया इस माघ-बुरू पूजा में मौके पर नाया, बृहस्पति सरदार, देऊरी, पटल सरदार, कूड़ाम, नाया, गुरु पद सरदार, उप मुखिया रामेश्वर सरदार, विष्णु सरदार, मोटू सरदार, भागीरथी सरदार, राजेश सरदार, रिंकू सरदार, राजकुमार सरदार, विशेश्वर सरदार, प्रकाश सरदार, राजेंद्र सरदार, परमेश्वर सरदार, रामेश्वर सरदार, राधाकांत सरदार ,राजू सरदार ,बृहस्पति सरदार, आशीष सर सरदार आदि उपस्थित रहे