पोटका प्रखंड अंतर्गत हरिणा पंचायत के नारायणपुर गांव में जाग्रत देवी मां मनसा की पुजा अंग्रेज शासन काल से होते आ रही है। वर्तमान मुख्य पुजारी माननीय सूकुमार मंडल कहते हैं मां मनसा को हम सभी गांव के ग्रामीण ईष्ट देवी के रूप में परंपरा से मानते आ रहे हैं। वे कहते हैं कोई दशक पहले अंग्रेज के दमन निति से नाश्ता नाबूत होकर नारायणपुर में गांव बसाया उस समय साक्षात नाग देव ग्रामीणों को रक्षा करते थे। वही परंपरा आज भी कायम है। यहां साक्षात नाग देव कि पूजा की जाती है। श्रावण संक्रांति के कुछ दिन पहले नागदेव साक्षात दर्शन देते हैं एवं उसे विधि विधान पूर्वक पकड़ कर मां मनसा देवी के मन्दिर में रखा जाता है।हर दिन मनसा मंगल पाठ होता है। संक्रांति के दिन नागदेव को ले जाकर मां मनसा की वारी उत्तोलन करके रात को पूजा जाता है एवं दूसरे दिन गांव के किसी भी घर में घर के अंदर चूल्हा नहीं जलाने की परंपरा है ।सभी कुटुंब्जन एवं घर के सदस्य वाशी खाना को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। पूजा के अंत में बली का कार्यक्रम होता है। शाम के समय मां को विसर्जन दी जाती है। कुछ दिन बाद नाग देवता को जंगल में छोड़ दिया जाता है। जहां सांप को देख कर हम दुर भागतें हैं वहीं गांव की एक बहुत बड़ी खूबी यह है की यहां हर परिवार के पुरुष नाग देवता को साक्षात पकड़ते हैं।