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झामुमो नेता दीपू कुमार सिन्हा ने चंदवा प्रखंड के माल्हन पंचायत अंतर्गत डीएमएफटी योजना में बरती गई भारी अनियमितता।दोषियों पर कार्रवाई करने के संबंध में एक लिखित प्रतिवेदन लातेहार उपायुक्त को सौंपा है।

चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

झामुमो नेता दीपू कुमार सिन्हा ने चंदवा प्रखंड के माल्हन पंचायत अंतर्गत डीएमएफटी योजना में बरती गई भारी अनियमितता सरकारी राशि की लूट एवं बंदरबांट को रोकने एवं दोषियों पर कार्रवाई करने के संबंध में एक लिखित प्रतिवेदन गत 13 अगस्त को लातेहार उपायुक्त को सौंपा है। प्रतिवेदन में पंचायत में संचालित दर्जनों विकास योजनाओं में हुई अनियमितता सरकारी राशि की लूट एवं बंदरबांट का बिंदुवार ब्यौरा दिया गया है।

 

सेवा में,

श्रीमान,

उपायुक्त ‘ महोदय ‘ लातेहार।

 

विषय:- (डीएमएफटी फंड द्वारा संचालित विकास योजनाओं में घोर अनियमितता बरतते हुए मनमाने ढंग से सरकारी राशि की लूट तथा बंदरबांट करने के संबंध में।)

महाशय,

निवेदन करते हुए कहना है, कि चंदवा प्रखंड अंतर्गत मालहन पंचायत के विभिन्न गांवों में खनन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों का जीवन स्तर सुधारने एवं विकास करने तथा उन्हें खनन जनित प्रदूषण से बचाने वाले सरकार की महत्वपूर्ण डीएमएफटी योजना फंड से ली गई विकाश योजनाओं में घोर अनियमितता एवं मनमानी बरती गई है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीणों को लाभ मिलने की जगह अभियंताओं, कर्मचारियों, ठेकेदारों तथा बिचौलियों को लाभ मिल रहा है। इस स्थिति से यहां के ग्रामीण जहां ठगे हुए महसूस कर रहे हैं वहीं बिचौलिए, ठेकेदार एवं भ्रष्ट अभियंताओं तथा कर्मचारियों के पौ बारह हैं। इस स्थिति से यहां ‘लंगोटी बेहाल और टोपी मालामाल’ वाली कहावत चरितार्थ होते हुए दिख रही है। यूं तो यहां सभी योजनाओं में प्राक्कलन के विरुद्ध कार्य कर घोर अनियमितता बरते हुए सरकारी राशि की लूट- खशोट की गई है परंतु कुछ योजनाओं में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार की गई है जिसका विवरण निम्नलिखित है।

1) माल्हन पंचायत अंतर्गत गनियारी गांव के योजना संख्या 167/21-22 ‘ सलैयाडीह में तालाब निर्माण ‘जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख, 61 हजार, 7 सौ रुपए है। इस योजना में 1 इंच भी जमीन निर्धारित स्थल पर नहीं खोदी गई है, परंतु विगत मार्च माह में ही इस योजना में कार्य प्रगति पर का रिपोर्ट दिखलाते हुए अन्य तालाबों की तरह इस तालाब में भी योजना की आधी राशि 9 लाख,80 हजार,8 सौ 50 रुपए की निकासी कर ली गई है।

2) माल्हन पंचायत स्थित गनियारी गांव का योजना संख्या 168/ 21- 22 ‘ ग्राम गनियारी तालाब निर्माण ‘ जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख,61 हजार,7 सौ रुपए है। इस योजना का निर्माण भी गनियारी गांव में नहीं हुआ है जबकि विगत मार्च माह में ही इस योजना की आधी राशि 9 लाख,80 हजार,8 सौ,50 रुपए जिला से विमुक्त हो चुका है।

3) माल्हन पंचायत स्थित गनियारी गांव के सुदूरवर्ती टोले दालचूआं में योजना संख्या 169 21- 22 ‘बल्कू गन्झू का तालाब निर्माण’जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख, 61 हजार,7 सौ रुपए है। इस तालाब का निर्माण भी इस योजना से लिए गए अन्य तालाबों की तरह 200/200 फीट आकार का करना था परंतु यहां घोर अनियमितता बरते हुए तालाब को नाले में लगभग 300/100 फीट का बनाया गया है। नाले की तरफ जिधर जमीन गहरी है उधर ज्यादा लंबाई लगभग 300 फीट और जिधर जमीन ऊंची है उधर कम लगभग 75 से 100 फीट मेड़ बनाया गया है। इस योजना के तीन और फॉरेस्ट की जमीन और कोई सिंचाई क्षेत्र नहीं है। इस योजना को पास करवाने के नाम पर बिचौलिए द्वारा जमीन मालिक से 26000 रुपए नकद वसूले गए हैं। यहां गांव के छोटे से दुकानदार से राशन लेकर उसका भी भुगतान जुलाई माह तक नहीं किया गया है। यहां मजदूरों के मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया है। ग्रामीणों एवं जमीन मालिक द्वारा मजदूरी तथा दुकान का बकाया मांगे जाने पर बिचौलिए द्वारा कहा जाता है कि अभी भुगतान नहीं हुआ है जबकि इस योजना में भी मार्च 2022 माह तक 9 लाख,80 हजार 8 सौ 50 रुपए की राशि जिले से बिमुक्त हो चुकी है। यहां जुलाई माह तक महज एक- डेढ़ फीट ही मिट्टी कटी है। अन्य योजनाओं की तरह यहां भी योजना से संबंधित कोई सूचना पट्ट जुलाई 2022 माह तक नहीं लगा है।

4) माल्हन पंचायत की योजना संख्या 58/21-22 ‘ग्राम माल्हन में पीडब्ल्यूडी रोड केकराही से रेलवे लाइन तक पीसीसी पथ निर्माण’ योजना जिसका प्राक्कलन 8 लाख 87 हजार 5 सौ रुपए है। यह योजना भी अपने निर्धारित स्थल में नहीं बना है। अभिलेख (खाता,प्लॉट,रकबा,नक्शा) के अनुसार योजना का क्रियान्वयन मालहन पंचायत के केकराही टोला में होना था परंतु इस नाम से केकराही में कोई सड़क नहीं बनी है। निर्धारित स्थल पर बिना सड़क का निर्माण किए ही 30 मार्च 2022 तक इस योजना में आधी राशि 4 लाख,43 हजार,7 सौ 50 रूपए की निकासी की जा चुकी है।

5) माल्हन पंचायत के योजना संख्या 70/21- 22 ‘ग्राम माल्हन में कटहल पेड़ से सफी नदी तक पीसीसी पथ निर्माण’ जिसकी प्राक्कलित राशि 9 लाख,21 हजार,6 सौ रूपए है। यह रोड भी अपने निर्धारित स्थल पर नहीं बनी है। योजना के अभिलेख (ग्राम,खाता,प्लॉट,रकबा,नक्शा)के अनुसार इस योजना को भी मालहन के केकराही में बनाया जाना था। परंतु इस गांव में कहीं भी योजना से संबंधित सड़क नहीं बनी है। इस योजना में भी मार्च 2022 तक योजना की आधी राशि 4 लाख,60 हजार,8 सौ रूपए निकाले जा चुके हैं।

6) माल्हन पंचायत में योजना संख्या 113/21-22 ‘ग्राम माल्हन में अफसर अंसारी का बांध निर्माण ‘ जिसकी प्राक्कलित राशि 9 लाख,57 हजार,3 सौ रुपए है। इस योजना में भी अत्यंत घटिया तथा आधा – अधूरा निर्माण कार्य कर राशि निकाल ली गई है। निर्माण कार्य इतना घटिया एवं निम्न स्तर का है, कि ठेकेदार द्वारा कार्य समेट लेने के बाद उक्त बांध के जमीन मालिक अफसर अंसारी अपने बांध को अपनी पत्नी एवं बेटी के साथ खुद मिट्टी कोड कर उसकी मरम्मत कर रहे हैं। वे कहते हैं कि ठेकेदार एवं बिचौलिए से बहुत आरजू- मिन्नत कर कहा कि मेरे बांध को ठीक से बना दें जिससे कम से कम मेरी जमीन गई तो उसका कुछ लाभ मुझे भी मिल सके परंतु बिचौलिए एवं ठेकेदार ने मेरी नहीं सुनी और काम बंद कर चंपत हो गया। अब बरसात के मौसम में कहीं मेरा बांध टूट ना जाए इसलिए हम लोग दिन रात पूरे परिवार समेत खुद मिट्टी खोदकर बांध की मरम्मत कर रहे हैं। पहले भी हम लोगों से बिचौलिए एवं ठेकेदार ने मजदूरी करवाई परंतु उसका भी मजदूरी हम लोगों को नहीं दिया। अन्य योजनाओं की तरह मार्च 2022 माह तक इस योजना की आधी राशि 4 लाख,78 हजार,6 सौ,50 रुपए निकाले जा चुके हैं। जुलाई 2022 माह तक इस योजना में भी योजना से संबंधित कोई सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है।

7) माल्हन पंचायत के केकराही गांव के योजना संख्या 165/21- 22’ शिवलौंगर में तालाब निर्माण’जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख,61हजार,7 सौ रुपए है। इस योजना में भी जमीन मालिक को पैसा नहीं निकलने की बात कह कर उसकी जमीन में आधा-अधूरा काम कर मार्च 2022 माह में ही 9 लाख,80 हजार,8 सौ,50 रुपए की निकासी कर ली गई है, और जमीन मालिक को उसके मजदूरी के रुपए भी नहीं दिए गए हैं। यह तालाब पूर्ण होने से पहले ही टूट रहा है। यहां भी जुलाई माह तक योजना से संबंधित कोई सूचना पट्ट नहीं लगा है।

8) माल्हन पंचायत के नावाटोला में योजना संख्या – 171/21- 22 ‘सुगनी देवी का तालाब निर्माण’ योजना जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख,61 हजार,7 सौ रुपए है। यह योजना पहाड़ की तलहटी में खोदी जा रही है जिससे तालाब के बीच में बड़े-बड़े चट्टान उभर आए हैं। यह योजना गांव से बिल्कुल दूर एवं निर्जन क्षेत्र में है, यहां आदमी तो क्या मवेशी भी आसानी से नहीं पहुंच सकते। यहां कोई खेत या पटवन क्षेत्र नहीं है इस तालाब के चारों ओर पहाड़ एवं जंगल है। इस योजना में भी मार्च 2022 माह तक योजना की आधी राशि 9 लाख,80 हजार,8 सौ,50 रुपए निकाले जा चुके हैं। यहां भी अन्य योजनाओं की तरह कोई सूचना पट्ट नहीं लगा है।

9) एक ही फंड एवं कार्यकारी एजेंसी द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं में कुछ में निविदा निकाल कर काम आवंटित किया गया है, वहीं कुछ में अपने चहेते अभियंता तथा बिचौलियों को फायदा पहुंचाने हेतु विभागीय स्तर से कार्य करवाया जा रहा है। यहां 5 लाख की योजना का टेंडर किया गया है जबकि 20 लाख की योजना विभागीय स्तर पर संचालित हो रही है।

10) सभी निविदाओं में एक विशेष व्यक्ति के कहने पर सेटिंग- गेटिंग हुआ है। बिना किसी निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए सभी निविदाओं को ऑफलाइन कर मनमाने ढंग से अपने चहेता लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। सभी निविदाओं में विभागीय अधिकारियों द्वारा काम आवंटित करने हेतु मोटी राशि वसूल की गई है।

11) नियम विरुद्ध खनन से प्रभावित स्थानों एवं गांवों में कम तथा दूसरे सुदूरवर्ती गांवों में ज्यादा योजनाएं ली गई है।

12) महाशय, यह तो सिर्फ एक पंचायत जहां हम पहुंच पाए के डीएमएफटी फंड से ली गई योजनाओं में बरती गई अनियमितता, एवं सरकारी राशि की लूट तथा बंदरबांट करने के उदाहरण है। पूरे लातेहार जिले मे इस फंड से सैकड़ों योजनाएं ली गई है जिनकी जांच करने पर और भी मामले तथा घोटाले सामने आएंगे।

अतः श्रीमान से अनुरोध है कि उक्त योजनाओं में बरती जा रही अनियमितता, सरकारी राशि की लूट एवं बंदरबांट को रोकते हुए, निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवा कर दोषियों पर कार्रवाई एवं सरकारी राशि की भरपाई करवाई जाए। जिससे ग्रामीणों को न्याय मिले तथा भविष्य में सरकारी योजनाओं में व्याप्त लूट तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगते हुए उनका क्रियान्वयन कागज की जगह जमीन में हो सके।

इस कृपा के लिए मैं श्रीमान का सदैव आभारी एवं ऋणी रहूंगा।

‘ भवदीय ‘

दीपू कुमार सिन्हा

केंद्रीय समिति सदस्य

झारखंड मुक्ति मोर्चा

लातेहार

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