*ढिबरी युग में जीने को विवश हैं रूद पंचायत के ग्रामीण*
गारू संवादाता उमेश यादव की रिपोर्ट
*गांव में खंभे और मीटर तो लगे, नहीं मिली बिजली प्रतिमा एक्का,*
लातेहार। सरकार भारत देश को डिजीटल इंडिया बनाने पर जोर दे रही है, लेकिन गुमला जिला से सटे लातेहार जिला का अति नक्सल प्रभावित सुदूरवर्ती गारु प्रखण्ड के रुद पंचायत के आधा दर्जन गांव में सरकार का यह सपना चकनाचूर होता नजर आता है। यहां के लोग आजादी के 75 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। गारू प्रखण्ड के रूद पंचायत अंतर्गत बिजयपुर, पंडरा, गुटुआ, हुरहुर करचा, गोपखांड़ समेत आधा दर्जन गांव में रहनेवाले करीब चार हजार लोग अभी तक ढिबरी युग में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इन गांवों में पीने के लिए न तो शुद्ध पानी की व्यवस्था है और न ही बिजली व्यवस्था है। वहीं, इन क्षेत्रों में किसी प्रकार का मोबाइल नेटवर्क तक नहीं है, जिससे यहां के लोग देश-दुनिया की खबरों से अपने को बेखबर पाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव के समय वोट पाने के लिए नेता, मंत्री एक से बढ़कर एक वादों का ढिंढोरा पीटते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद हमारी सुधि लेनेवाला कोई नहीं होता है। ग्रामीण प्रतिमा एक्का, जेनवारियुस टोप्पो, जॉर्ज मार्टिन खलखो, मार्टिन कुजूर, इशहाक टोप्पो, क्लारा खलखो, तरसियुस लकड़ा, भादवा किसान, खदरी देवी, बालदेव किसान, बन्धन साय नगेशिया समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हमलोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं हो रहा है। गांव में एक जलमीनार था वह भी एक साल से खराब पड़ा हुआ है। नतीजतन, हमलोगों को चुआं का गंदा पानी पीना पड़ता है, जिससे लोग बार-बार बीमार पड़ते रहते हैं।
विजयपुर गांव में खंभे और मीटर तो लगे, नहीं मिली बिजली
ग्रामीण प्रतिमा एक्का, जेनवारियुस टोप्पो, जॉर्ज मार्टिन खलखो, मार्टिन कुजूर, इशहाक टोप्पो, क्लारा खलखो, तरसियुस लकड़ा, भादवा किसान, खदरी देवी, बालदेव किसान, बन्धन साय नगेशिया समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में आज तक हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं बहाल हुई हैं, जिससे हमलोगां को काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजयपुर गांव में सभी जगह करीब चार साल पहले बिजली ट्रांसफार्मर, खंभे और तार लगाए गए थे, जिसमें सिर्फ आठ घर में ही बिजली मीटर लगाया गया है। इसके बाद भी इस गांव में आज तक बिजली नहीं आई।
*बगैर बिजली जलाए विभाग दे रहा है बिजली बिल*
हुरहुर करचा गांव में बिजली का खंभा तो लगा है, लेकिन अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं मिला है और घर-घर में बिजली मीटर बोर्ड लगा दिया गया है। वहीं, गुटुआ गांव में अभी तक किसी प्रकार का बिजली विभाग द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि लाइट नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, जिससे हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। लोगों ने बताया कि चार साल पहले कहीं-कहीं बिजली का कार्य किया गया था, लेकिन उस स्थान पर भी आज तक बिजली नहीं आई, लेकिन बिजली विभाग द्वारा बिना बिजली दिए ही घर-घर जाकर बिजली बिल थमा कर पैसा जमा करने के लिए दबाव बनाया जाता है, जिससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति आक्रोश देखा जा रहा