जमशेदपुर । जिस प्रकार से प्रवर्तन निदेशालय ने अभी चीनी कम्पनी वीवो को बड़े पैमाने पर कर वंचना के मामले और बड़ी मात्रा में धनराशि को देश से बाहर भेजने के मामले को पकड़ा है उसने देश में काम कर रही विदेशी कंपनियों के काम काज करने के तौर तरीक़ों पर एक सवाल खड़ा किया है जिसको लेकर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ ( कैट) ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है की वित्त मंत्रालय में एक विशेष ऑडिट/ सतर्कता ब्रांच का गठन किया जाए जिसमें हर तीन महीने में विदेशी कम्पनियाँ अपने काम काज एवं आय व्यय विवरण का पूरा लेखा जोखा इस ब्रांच को दें जिसकी हर तीन महीने में जाँच की जा सके । इससे सरकार ऐसी सभी विदेशी कंपनियों की व्यापारिक प्रणाली पर कड़ी निगाह रख सकेगी और ये कंपनियाँ किसी भी तरह से भारत के नियम एवं क़ानूनों को धोखा नहीं दे सकेंगी ।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने आज एक संयुक्त वक्तव्य में कहा वीवो कंपनी के कर घोटालों पर दुःख व्यक्त करते हुए और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बड़ी कारवाई करने पर उसकी प्रशंसा करते हुए कहा की वैश्विक कंपनियाँ भारत को एक दुर्बल राष्ट्र एवं देश के निगम एवं क़ानूनों को दुर्बल मान कर उनकी घोर अवहेलना करते हुए बड़ा मुनाफ़ा माना रही हैं और देश के घरेलू व्यापार की कमर तोड़ रही हैं । यह प्रवृति ख़ास तौर पर ई कामर्स एवं रिटेल व्यापार में गत अनेक वर्षों से विदेशी कंपनियों द्वारा चलाई जा रही है । उनका मुख्य उद्देश्य भारत के ई कामर्स एवं रिटेल व्यापार पर क़ब्ज़ा जमा कर उसे बंधक बनाना है । अक्सर देखा गया है की ये विदेशी कंपनियाँ ई कामर्स एवं ऑफ़्लाइन व्यापार में लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचती हैं और यहाँ तक की कुछ ई कामर्स पोर्टलों से मिलकर अपने कुछ विशिष्ट उत्पाद केवल उनके पोर्टल पर ही बेचती हैं । इस प्रकार से अपनी क़ानून एवं नियम विरोधी व्यापारिक गतिविधियों के द्वारा देश के व्यापारिक वातावरण को दूषित करने में लगी हैं जिसका अर्थव्यवस्था पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है ।
सोन्थालिया ने कहा की प्रवर्तन निदेशालय की इस बड़ी कारवाई ने सभी विदेशी कंपनियों को एक मज़बूत संदेश दिया है की भारत की कर वंचना की धरती समझने की भूल न करें । देश की सरकार और सभी एजेंसियाँ नियम एवं क़ानूनों का उल्लंघन करने पर किसी को भी बख्शेंगी नहीं ।