अखिल भारतीय किसान महासभा का दूसरा झारखंड राज्य सम्मेलन, किसान आंदोलनों को वेग देते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कॉमरेड बीएन सिंह राज्य अध्यक्ष, कॉमरेड राजकुमार यादव राज्य सचिव निर्वाचित हुए।
सम्मेलन द्वारा 45 सदस्यीय राज्य परिषद चुना गया।
05 अप्रैल को अखिल भारतीय किसान महासभा का दूसरा राज्य सम्मेलन, कॉमरेड जगदेव शर्मा सभागार, टाउन हॉल, मेदिनीनगर में संपन्न हुआ। राज्य भर से 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में हिस्सा लेकर 49 सदस्यीय राज्य परिषद चुना। कॉमरेड बीएन सिंह को सर्वसम्मति से राज्य अध्यक्ष, कॉमरेड राजकुमार यादव को राज्य सचिव चुना गया।
राज्य सम्मेलन की शुरुआत सुदना मिडिल स्कूल से एक रैली के साथ हुई। रैली में राज्य भर के हजारों किसानों ने शिरकत किया। अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, भाकपा माले पलामू जिला सचिव आरएन सिंह, गढ़वा जिला सचिव कालीचरण मेहता, लातेहार जिला सचिव बिरजू राम, किसान महासभा पलामू जिलाध्यक्ष प्रदीप विश्वकर्मा, सचिव कमेश सिंह चेरो, भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य राजेश यादव के नेतृत्व में रैली सुदना से ओवरब्रिज, छः मुहान से पोस्ट ऑफिस होते हुए टाउन हॉल तक पहुंचा। खेत खेती किसान बचाओ, कोरोपोरेट लूट का राज मिटाओ के नारे लगाते हुए हजारों महिला और पुरुष किसान साथी आगे बढ़ रहें थें, उनके पीछे पीछे सैकड़ों ट्रैक्टर का काफिला चल रहा था। रैली देख कर किसान आंदोलनों का दृश्य ताजा हो गया।
रैली के टाउन हॉल पहुंचने के बाद सम्मेलन के खुले सत्र की शुरुआत हुई। खुले सत्र की शुरुआत जसम झारखंड राज्य प्रभारी अनिल अंशुमन के क्रांतिकारी गीतों से हुई। खुले सत्र को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा की देश में सबसे अधिक आबादी किसानों की है, किसानों को देश के बतौर पर्यायवाची देख सकते हैं। किसानों की बेहतर स्थिति, आय बढ़ने का सीधा मतलब देश की स्थिति बेहतर होना है। पर पूंजीपति परस्त सरकारों की गलत नीतियों की वजह से किसानों की स्थिति बेहतर होने के बजाए, दिन ब दिन और विकट होते जा रहा है। अभाव और असुविधा की झेलते हुए किसान देश को अनाज मुहैया करा रहे हैं। ऐसी स्थिति में आंदोलन के आलावा और कोई रास्ता नहीं दिखता है। हमलोगों ने अभी एक अभूतपूर्व किसान आंदोलन देखा है, जिसने फासीवादी सरकार को भी घुटने के बल ला दिया। सरकार किसानों से उनकी आजीविका छीनना चाह रही थी, किसानों ने भ्रष्ट पूंजीपति सरकार का पोल खोल दिया। हमें उस आंदोलन को तेज करते हुए झारखंड में खनन, खदान, पूंजीपतियों के लिए किसानों को विस्थापित करने वाली सरकार को किसान हित में नीतियों को बनाने के लिए मजबूर करना होगा। खुले सत्र को इप्टा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेंद्र जी, फूलन देवी विचार मंच के शैलेश चंद्रवंशी, सीपीआई जिला सचिव रुचिर तिवारी ने भी संबोधित किया। सत्र का संचालन कॉमरेड बीएन सिंह ने किया। खुले सत्र का समापन शाम को हुआ। जिसके बाद सांगठनिक सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें राज्य भर से अखिओ भारतीय किसान महासभा के सदस्यों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सांगठनिक सत्र में पिछले राज्य सम्मेलन से अब तक के कामों का लेखा जोखा, वर्क रिपोर्ट कॉमरेड राजकुमार यादव ने रखा। वर्क रिपोर्ट पर 15 साथियों ने अपनी राय रखी। जिसके बाद ध्वनि मतों से वर्क रिपोर्ट को सम्मेलन ने पास कर दिया। तत्पश्चात अखिल भारतीय किसान महासभा के नए 45 सदस्यीय राज्य परिषद का चुनाव सम्मेलन ने किया। सांगठनिक सत्र को संबोधित करते हुए पर्यवेक्षक कॉमरेड जनार्दन प्रसाद ने कहा की साम्राज्यवादी पूंजीवादी ताकतों की कोशिश है की खेती को अपने कब्जे में ले लिया जाए। तथाकथित पूंजीवादी विकास की गति रुक गई है, पूरे विश्व में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है। आम लोगों की क्रय क्षमता में अप्रत्याशित कमी हुई है। ऐसे में पूंजीवादी ताकतों की कोशिश है की जो किसान किसी तरह खेती से अपनी आजीविका चला रहे हैं, उनसे खेती छीनकर। गांव का शहरीकरण कर पूंजीपति मालिकों के लिए सस्ते बंधुआ मजदूर उपलब्ध कराए जाएं । अभी के समय किसान आंदोलन सिर्फ कुछ नियमों को बदलने के लिए नही परंतु देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी के लिए अपनी आजीविका, जिंदगी बचाने का सवाल है। ऐसे समय में किसान आंदोलनों को नेतृत्व देते हुए, मजदूर किसानों की पक्षधर राजसत्ता बनाने की चुनौती स्वीकार करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के सभी साथियों को आंदोलनरत होना होगा।
चयनित राज्य परिषद के साथियों ने कॉम बीएन सिंह को राज्य अध्यक्ष, कॉमरेड राजकुमार यादव को राज्य सचिव चुना। आगामी 17 अप्रैल को राज्य परिषद की बैठक कर कार्यकारणी, उपाध्यक्ष, सहसचिव का चुनाव किया जाएगा। पलामू से प्रदीप विश्वकर्मा, कमेश सिंह चेरो, राजकुमार सिंह, कपिल प्रजापति, कविता सिंह, देवेंद्र कुमार, हरिद्वार साव, बृजनंदन सिंह, अशोक पाल को झारखंड राज्य परिषद में शामिल किया गया। सम्मेलन का अंत कॉमरेड अनिल अंशुमन ने हम होंगे कामयाब गीत के साथ किया।