नेतरहाट के टूटवापानी में विरोध दिवस के दूसरे दिन फिल्ड फायरिंग रेंज का अंतिम सांस तक विरोध करने का लिया गया संकल्प।
महुआडांड नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज के विरोध में नेतरहाट के टूटवापानी में दूसरे दिन उमड़े जनसैलाब ने एक स्वर में फायरिंग रेंज का अंतिम सांस तक विरोध करने का संकल्प लिया।ज्ञात हो कि पूर्व में सरकार द्वारा अधिसूचानुसार 11 मई 2022 को प्रस्तावित नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज की अवधि समाप्त हो जाएगा। वर्तमान में झारखंड विधानसभा का सत्र चल रहा है।माले विधायक विनोद सिंह द्वारा पूछे गये सवाल का सरकार द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने से आन्दोलनकारी संशकित है।
वक्ताओं ने कहा कि यह इलाका संविधान की 5 वी अनुसूची के अधिसूचित है। 5 वी अनुसूची इलाके में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की एक ईच जमीन नहीं है। यहाँ के प्राकृतिक संसाधन जल जगंल जमीन पर वहाँ के समुदाय का सामुदायिक अधिकार है पेसा कानून के अन्तर्गत स्पष्ट है । कि ग्राम सभाओं की सहमति के बगैर कोई भी गाँव का सामुदायिक संसाधन किसी को भी हस्तान्तरित नहीं की जा सकती है। आगे कहा गया कि झारखंड के हेमन्त सोरेन सरकार को चाहिए कि व्यापक जनहित में प्रस्ताव पारित कर इस अधिसूचना को स्थाई रुप से परियोजना को रद्द करें ।हम सभी जिस मजबूती से विगत 29 वषोॅ से इस विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक आन्दोलन को जारी रखे हुए हैं। इसे आने वाले पीढ़ी और धार देगी हमारी संघर्ष की जीत पक्की है। आज पूरे आन्दोलन क्षेत्र के ग्राम सभाओं ने अपने सविधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए अपने अपने ग्राम सभाओं से प्रस्तावित फायरिंग रेंज के विरोध प्रस्ताव पारित किये है। प्रस्ताव की कापी झारखंड के राज्यपाल एंव सरकार भेज दी जा रही है । आज जनसंघर्ष ही एकमात्र रास्ता है। जिसके बदौलत तानाशाही सरकारों को झुकाया जा सकता है।कोयलकारो आन्दोलन को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध की अगुवाई करने विले रेजन गुडिया ने कहा कि इसी राज्य के खूंटी के मुण्डाओं तथा स्थानीय समुदायों ने अपने सामुदायिक संसाधनो की रक्षा का संघर्ष किया। आज केन्द्र और राज्य सरकार को परियोजना को स्थागित करने पर मजबूर होना पड़ा।
इस विरोध दिवस में भाग लिए सौ गांवों के ग्राम प्रधानों एक स्वर में 21 अप्रैल से 25 अप्रैल टूटूवापानी आन्दोलन स्थल से पद यात्रा कर राज्यपाल को ज्ञापन देने पर अपनी सहमति दी ।सभा की समाप्ति जान देगें जमीन नहीं नारों, जुलुस सपथग्रहण के साथ किया गया । इस सभा में जेरोम जेराल्ड कुजूर, प्लादीयूस सेवती पन्ना, लाद टोप्पानो, मंथन, आर्यन उरांव, जनार्दन भगत, सतीश उरांव, प्रमोद खलखो, मकदली टोप्पो सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। मौके पर हजारों के संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।