भगवान रामकृष्ण परमहंस देव,जगतजननी माँ सारदा देवी और स्वामी विवेकानंद जी की असीम कृपा से,योगेश्वरी माँ, रानुमा और सुनीति माँ का आशीर्वाद से तथा दाता, दानी और भक्त जनों के अपार सहयोग से कॅरोना काल में तथा शून्य फण्ड में माताजी आश्रम में भगवान रामकृष्ण देव का एक भब्य मंदिर बन पाया है।यह माताजी आश्रम का इतिहास में एक अलौकिक और गौरव शाली घटना है। यह मंदिर बन जाने से आज सचमुच माताजी आश्रम तीर्थस्थान बन गया है।84 बर्ष के बाद माताजी आश्रम का नया कलेवर हुआ।हम सभी आज धन्य हो गए हैं।
इस पुनीत रामकृष्ण मंदिर निर्माण में जो लोग दान दिया है, सहयोग किया है,समय दिया है,परिश्रम किया है, देखभाल किया है,उन सभी लोगों को माताजी आश्रम की ओर से ट्रस्टी सर्वश्री हीरालाल दे,रघुनंदन बनर्जी,दुलाल मुखर्जी, सुनील कुमार दे,शंकर चंद्र गोप के अलावे आश्रम सेवक सुधांशु मिश्र और आश्रम संचालन कमेटी ने तहेदिल से धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट कर रहे हैं।इसके अलावे मंदिर निर्माण में जो शिल्पी,मिस्त्री,रेजा, मजदूर,रंग पेंटर,इलेक्ट्रिक मिस्त्री, टाइल्स मिस्त्री,कारपेंटर ,मूर्ति कलाकार आदि अथक परिश्रम किया है उन सभी को भी माताजी आश्रम परिवार बहुत बहुत धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट कर रहे है जिनलोगों के कारण यह सुंदर मंदिर बन पाया है।
विगत 14 मार्च 2022 को धूमधाम से बिबिध अनुष्ठान के साथ रामकृष्ण मंदिर की प्रतिष्ठा हुई, ठाकुर,माँ और स्वामीजी की मूर्तियों का भी प्राण प्रतिष्ठा हुई।इसके साथ साथ 14 मार्च से 17 मार्च तक भगवान रामकृष्ण देव की 187 वी जयंती और आश्रम का 84 वा उत्सव भजन,कीर्तन पूजा पाठ,धर्म सभा, साधु भंडारा, सम्मान समारोह, लीलागिति,भक्ति संगीत,पदावली कीर्तन और अखंड हरिनाम संकीर्तन आदि के साथ धूमधाम से पालन किया गया।इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए भी भक्तजनों और दाता दानियों ने सहयोग किया।कोई जनरेटर,कोई साउंड सेट,कोई इन्वेंटर,कोई सामियाना,कोई बर्तन,कोई प्रसाद की सामग्री,कोई टेंट,कोई धन आदि देकर सहयोग किया।इसके लिए भी आश्रम परिवार ने सभी को तहेदिल से धन्यवाद दे रहे हैं।इसके अलावे इस महोत्सव में देश के कोने कोने से 17 जन साधु,महात्मा,महाराज आश्रम में पधारे और हम सभी को आशीर्वाद दिया यह हमारे लिए बिशेष प्राप्ति है, यह आश्रम इतिहास में पहली घटना है।हम इन महात्माओं को धन्यवाद नहीं दे सकते इसलिए सभी को प्रणाम करते हैं।इसके अलावे अनुष्ठान में अनेक गुणीजन, भक्त ,कलाकार,जन प्रतिनिधि,और आश्रम के शुभ चिंतक उपस्थित होकर हमे प्रोत्साहित किया है और मान बढ़ाया है इसलिए उन सभी महानुभव गन को भी धन्यवाद दे रहे हैं।प्रचार और प्रसार में मीडिया के पत्रकार बन्धुलोग काफी सहयोग किया है इसलिए सभी को आश्रम परिवार की ओर से धन्यवाद दे रहे हैं।इसके अलावे इस महोत्सव ओर मंदिर प्रतिष्ठा का काम सुचारू रूप से,सुंदर ढंग से और अनुशाषित रूप से जो लोग अपना अपना कर्तव्य और दायित्व पालन किया है और परिश्रम किया है उन सभी भक्त और सदश्य को भी आश्रम कमेटी और ब्यक्तिरूप से मैं सुनील कुमार दे धन्यवाद दे रहा हूं।इसी तरह सभी का सहयोग मिलते रहे तो आनेवाले दिन में यह आश्रम और आगे निकलेगा और एकदिन झारखंड में एक आस्था का केंद्र और तीर्थ स्थान बन जायेगा।