*कहासुनी का शिकार हो रहे हैं स्वास्थ्यकर्मी अयूब खान*
चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
चंदवा 22 मार्च 2022, चंदवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में
रात्री में चंदवा वासी इमरजेंसी में जब अपने मरीज को ईलाज कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं तो कई बार अस्पताल परिसर में छाए अंधेरा का सामना करना पड़ता है, अस्पताल परिसर में अंधेरा देखकर लोगों को लगता है कि स्वास्थ्य कर्मी ही लाईट को बुझा दिए हैं, लाईट जलाने के लिए जब स्वास्थ्य कर्मीयों से कहा जाता है तब पता चलता है कि यह अंधेरा बीपीएम की लचर व्यवस्था और नाकामी के कारण है, तबतक स्वास्थ्य कर्मीयों को लोग दो चार बात सुना देते हैं
अस्पताल की व्यवस्थापक की लचर व्यवस्था और मनमानी ऐसी है की मानो उसे किसी अधिकारी का परवाह ही न हो
स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारीयों को चंदवा वासियों की जन सुविधा से कोई मतलब ही नहीं है
मतलब होता तो वर्षों से अस्पताल में छाए अंधेरा खत्म हो जाती है,और अस्पताल की चरमराई व्यवस्था में सुधार हो जाता साथ ही नाकाम और मनमानी करने वाले बीपीएम की लगाम लग जाती परंतु इसके खामियाजा छोटे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है। प्रभारी भी मुखबधिर हो गए है।
फंड रहने के बाद भी लचर व्यवस्था में सुधार न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करता हु की ऐसे लोगो को बर्खास्त किया जाए जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का उधार होगा।