झारखंड सरकार से फील्ड फायरिंग रेंज प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग को लेकर केंद्रीय जन संघर्ष समिति के तत्वाधान में देश के अन्य 14 राज्यों से आए सामाजिक संगठन एवं जन आंदोलन के प्रतिनिधियों की बैठक संपन्न हुई।बैठक में आए सामाजिक संगठन एवं जन आंदोलन के प्रतिनिधियों ने केंद्रीय जन संघर्ष समिति के 28 साल पुराने संघर्ष में अपना सहयोग जताया।बैठक में केंद्रीय जन संघर्ष समिति के तरफ से हेनरी तिर्की ने आंदोलन के ऐतिहासिक संघर्ष के बारे में अनुभव साझा किया साथ ही उन्होंने कहा कि नेतरहाट फायरिंग रेंज आंदोलन पिछले 28 सालों से चल रहा है और इसी आंदोलन का ही प्रतिफल है कि आज यहाँ रूटीन तोपाभ्यास को बंद कराया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय जन संघर्ष समिति के आंदोलन के दम पर ही हम झारखंड सरकार को फायरिंग रेंज के प्रोजेक्ट को रद्द कराएँगे। वही देश के अन्य 14 राज्यों से आये आंदोलनकर्मियों ने केंद्रीय जन संघर्ष समिति के साथियों को इतने लम्बे समय तक आंदोलन को मजबूती से चलाने के लिए बधाई दी,साथ ही फील्ड फायरिंग रेंज और पलामू टाइगर प्रोजेक्ट के कारण होने वाले विस्थापन और जंगल बर्बाद करने के खिलाफ चल रही लड़ाई से प्रेरणा ली।
झारखण्ड में पेसा कानून और वन अधिकार कानून को मजबूती से लागू करवाने का निर्णय लिया।पठार क्षेत्र में हो रही बॉक्साइट खनन से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों पर चिंता जताई भी जताई गई। साथ ही पेसा कानून के अंतर्गत प्रोजेक्ट को रद्द करने का प्रस्ताव ग्राम सभाएं माननीय राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल और सभी संबंधित अधिकारियों को भेजने की बात कही गई।
वही ओड़िसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के लोगों ने अपने क्षेत्र में खनन से हो रहे दुष्प्रभाव का अनुभव साझा किया|बैठक में जन-आंदोलनों में शिक्षा को मज़बूत करने की ज़रुरत,आंदोलनों में महिलाओं के ख़ास योगदान और लोकतांत्रिक ढाँचे को मज़बूत करने पर सहमति जताई,साथ ही लोगो ने आशंका व्यक्त की कि 11 मई 2022 तक प्रोजेक्ट को फिर से अधिसूचित करने का प्रयास किया जा सकता है इसलिए फायरिंग रेंज को डी-नोटिफाई करने के लिए क्षेत्र के ग्राम सभाएं अपनी ओर से प्रस्ताव पारित करने वाले हैं, जिसमे अपनी मांग रखते हुए पेसा कानून के अंतर्गत प्रोजेक्ट को रद्द करने का प्रस्ताव ग्राम सभाएं माननीय राष्ट्रपति, माननीय राज्यपाल और सभी संबंधित अधिकारियों को भेजने की बात कही
बैठक में केंद्रीय जन संघर्ष समिति के सचिव जेरोम जेराल्ड,सर्वहारा जन आन्दोलन, महाराष्ट्र, कष्टकारी जन आन्दोलन, महाराष्ट्र, श्रमजीवी संगठना और मानवी हक्का अभियान, महाराष्ट्र,जन जागरण शक्ति संगठन, बिहार, आदिवासी किसान मजदूर मुक्ति वाहिनी, बिहार,मजदूर किसान समिति, बिहार, जनमुक्ति संघर्ष समिति, बिहार, विस्थापित मुक्ति वाहिनी, झारखण्ड,दलित आदिवासी मंच, छत्तीसगढ़,बार-नवापारा अभ्यरण संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़,हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़,छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन,गाँव गणराज्य संगठन, छत्तीसगढ़,आदिवासी चेतना संगठन, ओडिशा,मलयगिरी आदिवासी संघर्ष मंच, ओडिशा,आदिम आदिवासी मुक्ति मंच, ओडिशा,जिंदाबाद संगठन,ओडिशा,सर्व सेवा संघ, उत्तर प्रदेश,दिशा संगठन, उत्तर प्रदेश,अवध पीपलस फोरम, उत्तर प्रदेश,तोसा मैदान बचाओ फ्रंट, कश्मीर,किसान सभा, हिमाचल प्रदेश,माटी संगठन, उत्तराखंड,वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड,दिल्ली यंग आर्टिस्ट फोरम, दिल्ली,लोकाधिकार संगठन, दिल्ली,वी. टी. एम. एस., तमिलनाडु,किसान संघर्ष समिति, मध्य प्रदेश,बुंदेलखंड मजदूर किसान शक्ति संगठन, मध्य प्रदेश,आधारशिला शिक्षण केंद्र, मध्य प्रदेश,नवजीवन, आंध्र प्रदेश,हम किसान संगठन, राजस्थान,खेतिहर खान मज़दूर शक्ति संगठन, राजस्थान के सदस्य शामिल हुए।