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आदिवासियों पर तीन पुस्तकों के लेखन के लिए संदीप मुरारका को गोवा के मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

गोवा में आयोजित राष्ट्रीय विचार मंथन में मंत्री बन्ना गुप्ता ने किया स्मारिका का विमोचन

27 नवंबर, जमशेदपुर. गोवा क्रांति दिवस की 75वीं एवं गोवा मुक्ति का 60वां साल के ऐतिहासिक अवसर एवं गोवा मुक्ति सेनानियों के स्मरण में डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के द्वारा क्रांति भूमि मडगांव स्थित रवींद्र भवन में दो दिवसीय राष्ट्रीय विचार मंथन का आयोजन किया गया. इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन गोवा के राज्यपाल महामहीम पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने किया. उदघाटन समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत उपस्थित थे. विशिष्ट अतिथि के रुप में गोवा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष दिगंबर कामत एवं झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता मंचासीन थे. स्वागत भाषण फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक रंजन सिंह ने दिया. इस अवसर पर डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा एक स्मारिका भी प्रकाशित की गई, जिसका विमोचन मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा किया गया. अपने उदबोधन में बन्ना गुप्ता ने कहा कि भले ही स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास वर्ष 1857 से पढ़ाया जाता रहा है़ किंतु झारखंड में 1784 में ही बाबा तिलका मांझी ने अंग्रेजो के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया था. उन्होंने भगवान श्रीराम को समाजवाद का पहला प्रवर्तक बतलाते हुए कहा कि उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाकर ऊँच नीच की दूरी को मिटाने का संदेश दिया था. उसी प्रकार लोहिया ने भी रोटी और बेटी का संदेश दिया था. लोहिया नीची जातियों और दलितों के आंदोलनों की प्रेरक शक्ति रहे हैं. मंत्री बन्ना गुप्ता के धाराप्रवाह कविताओं एवं उदबोधन से गोवा के लोग अत्यंत प्रभावित दिखे.

 

राष्ट्रीय विचार मंथन कार्यक्रम में गोवा मुक्ति संघर्ष में शामिल रहे सेनानियों को जीवित व मरणोपरांत डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति सम्मान भी प्रदान किए गए. उनके अलावा पीड़ितों और दलितों पर विशिष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया. जमशेदपुर के लेखक संदीप मुरारका को आदिवासियों की जीवन गाथाओं की तीन पुस्तकों के लेखन के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सांवत ने “डॉ. राम मनोहर लोहिया स्मृति सम्मान” से विभूषित किया. कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मंत्री दिनेश षाड़ंगी एवं रामचंद्र केसरी को भी सम्मानित किया गया. आयोजन में झारखंड से कांग्रेस के वरीय नेता कमल किशोर अग्रवाल, सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष मुकेश मित्तल, अग्रवाल सम्मेलन के सचिव अजय कुमार भालोटिया, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, डॉ. विनी षाड़ंगी, गढ़वा से भाजपा के विजय केसरी, रांची से मंत्री के

मंत्री के निजी सचिव आसिफ एकराम सम्मिलित हुए.

इस सम्मेलन में गोवा मुक्ति संघर्ष पर डॉ. राममनोहर लोहिया की 1947 में लिखी पुस्तक एक्शन इन गोवा का अंग्रेजी, हिंदी, कोंकणी, मराठी एवं बांग्ला भाषाओं के संस्करणों का लोकार्पण किया गया. एक्शन इन गोवा मूल रूप से अंग्रेजी में है. जिसे 75 वर्षों बाद डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन द्वारा चार भारतीय भाषाओं में अनूदित कर प्रकाशित किया गया है. इसके अलावा डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन द्वारा

रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक श्री त्रिदिब चौधुरी का जेल संस्मरण मूल रूप से बांग्ला में – सालाजारेर जेले उन्नीस मास का हिंदी, कोंकणी एवं अंग्रेजी भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित किया गया है.

विचार मंथन में कई विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए गए – गोवा की मुक्ति में महिलाओं की भूमिका, डॉ. लोहिया और भारतीय भाषाएँ, डॉ. लोहिया और नागरिक स्वतंत्रता, गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में ईसाईयों की भूमिका, समाजवादी नेता डॉ. लोहिया की दृष्टि- कल, आज और कल.

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