भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के पूर्वी रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव सह केन्द्रीय कमेटी व पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और केन्द्रीय कमेटी की सदस्य शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादियों के द्वारा एक दिवसीय बंदी का ऐलान किया गया था। जिसका व्यापक असर महुआडांड़ में देखने को मिला। लोग शाम तक इस बंदी को लेकर इधर उधर की बातें करते नजर आ रहे थे लेकिन सुबह से ही पूरे बाजार क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा सबसे पहले होटल खुल जाए करती थी जिसके बाद अन्य दुकान खुलती थी लेकिन सुबह से होटल बंद दिखा। वहीं होटलों के साथ साथ महुआडांड़ मुख्य बाजार समेत सभी दुकानें बंद रही। संपूर्ण महुआडांड़ के सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। वही बस पड़ाव में सभी बसे खड़ी रही। महुआडांड़ मेदनीनगर, महुआडांड़ से रांची, महुआडांड़ से गुमला लोहरदगा समेत जितनी भी लंबी दूरी वाली बसें हैं परिचालन पूरी तरह से ठप रहा। बसों की परिचालन नहीं होने के कारण अपने गंतव्य तक जाने वाले सवारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही महुआडांड़ स्थित मेडिकल संबंधित दुकान खुली रहीं। इस दौरान कहीं भी महुआडांड़ प्रखंड क्षेत्र में अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। वही बंद को लेकर महुआडांड़ थाना प्रभारी आशुतोष यादव के नेतृत्व में महुआडांड़ पुलिस प्रशासन महुआडांड़ की मुख्य बाजार समेत चौक चौराहों पर गस्ती कर रही है। बंद के दौरान कहीं भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना हो जिसे लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। ज्ञात हो झारखंड पुलिस ने विगत 12 नवंबर को सरायकेला के कांड्रा टोल ब्रिज के पास भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में दूसरे नंबर के नेता और एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ बूढ़ा और उसकी पत्नी शीला मरांडी को गिरफ्तार किया था. प्रशांत बोस पर झारखंड सहित बिहार, बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और आंध्रप्रदेश सहित कई राज्यों में 200 से भी अधिक नक्सली वारदातों को अंजाम देने का आरोप है. पुलिस की विभिन्न एजेंसियां 5 दशकों से उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत थीं। इसके विरोध में 20 नवंबर को माओवादी नेताओं के द्वारा भारत बंद कराया गया है।