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Sat. May 17th, 2025

अस्तित्व संकट से जूझ रहे दुसरे घर में रह रहे आदिम जनजाति परिवार के प्रति उपायुक्त अबु इमरान हुए गंभीर

झोपड़ी जला तो रहने के लिए मनरेगा योजना से बनवा दिया सेड

माकपा नेता सामाजिक कार्यकर्ता अयुब खान ने आदिम जनजाति परिवार की समस्यायों पर उपायुक्त का खींचा था ध्यान

चंदवा। अस्तित्व संकट से जूझ रहे आदिम जनजाति परिवारों के समस्या की समाधान प्रति उपायुक्त अबु इमरान गंभीर हैं, ऐसा कामता पंचायत के ग्राम चटुआग के परहैया टोला में देखने को मिला, वृद्ध दुखन परहैया अपने वृद्ध पत्नी संग लकड़ी और बांस की झोपड़ी बनाकर दसकों से रहता था, [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=0KmjX8bIbbQ[/embedyt]वन क्षेत्र में लगी आग के कारण उसका झोपड़ी का आशियाना जलकर खाक हो गया, इस अगलगी में उसकी वृद्ध बीमार पत्नी जलने से बची थी लेकिन उसका आधार कार्ड और वृद्धा पेंशन की पासबुक जलकर राख हो गया था, वह टोकरी और सूप बनाकर जीवन यापन करता है, लकड़ी और बांस से बने घर आग की भेंट चढ़ जाने के कारण दुखन का परिवार खुले आसमान में पेड़ के नीचे रहने पर विवश हो गया था, सुचना मिलते ही सामाजिक कार्यकर्ता सह माकपा नेता अयुब खान ने गांव जाकर दुखन परहैया से मुलाकात कर जानकारी हासिल कर मामले से उपायुक्त अबु इमरान को अवगत कराते हुए उनसे इस परिवार को रहने के लिए आवास व अन्य मदद करने की अपील किया था, डीसी ने इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए उसे पड़ोस के घरपर रहने के लिए सिप्ट करवा दिया था और इसके रहने के लिए तत्काल सेड बनाने के निर्देश बीडीओ को दिया था, प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पंचायत सेवक मुकेश भगत से इसका सेड बनवा दिया, सेड बनकर तैयार है वे इसमें रह रहे हैं, उपायुक्त के हस्तक्षेप से दसकों बाद विलुप्त हो रही व अस्तित्व संकट से जूझ रहे तथा अंतिम पायदान पर खड़े दुखन परहैया को रहने के लिए छत मिला, दसकों बाद रहने के लिए छत मिलने से वह काफी खुश हैं, इसके लिए दसवा परहिया, सनिका मुंडा, बीनोद परहैया, रंगवा परहैया, बिफैया परहैया, सुलेंन्द्र परहैया, बुधराम बारला, बोने मुंडा, रतिया नगेसिया, राजकुमार परहैया ने उपायुक्त को साधुवाद दिया है।

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