कैट ने गुजरात के मुख्यमंत्री की घोषणा की सराहना की यवम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपने राज्यों में भी इसे लागू करने का किया आग्रह,झारखण्ड के मुख्यमंत्री को व्यापारियों की स्थिति को देखते हुये अविलंब घोषणा करनी चाहिए।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज भेजे एक पत्र में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी द्वारा हाल ही में एक वर्ष के लिए गुजरात में संपत्ति कर और बिजली बिलों पर फिक्स्ड शुल्क माफ करने की घोषणा की सराहना की यवम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया की वे भी अपने-अपने राज्यों में व्यापारियों के बिजली बिलों और संपत्ति कर के साथ-साथ बिजली के बिलों में फिक्स चार्ज भी माफ करें जिससे व्यापारी वर्ग कोविड लॉक डाउन के कारण बनी विषम परिस्थितियों से अपने व्यापार को बचाने एवं उसको पुनर्जीवित करने में सफल हो ! कोविड महामारी लॉकडाउन से व्यापार बर्बादी के कगार पर है।गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गए इस कदम को वैसे तो देश के सभी राज्यों में इसे लागू करना चाहिए ।
कैट के राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थालिया ने बताया कि पत्र में कहा गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री श्री रूपाणी ने कोरोना महामारी से प्रभावित होटलों, रिसॉर्ट, रेस्तरां और वाटर पार्कों के बिजली बिलों पर फिक्स्ड शुल्क तथा संपत्ति कर
को एक साल यानी 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक माफ कर दिया है। कैट ने आग्रह किया है की यह छूट झारखण्ड के सभी व्यापारियों को भी मिलनी चाहिए तभी इसकी सार्थकता है । देश के अन्य राज्यों की भांति झारखण्ड के व्यापारी भी इस समय कोविड से बहुत ज्यादा परेशां हैं और उनका व्यापार पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है !
श्री सोन्थालिया ने कहा कि यह श्री रूपाणी का एक बेहद सकारात्मक निर्णय है जिसकी न केवल गुजरात के बल्कि देश भर के व्यापारियों ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि हालात को देखते हुए उचित ये होगा कि हर राज्य को अपने-अपने राज्यों में इस तरह के उपायों की घोषणा करनी चाहिए लेकिन कम से कम झारखण्ड को शुरुआत करनी चाहिए और इसी उद्देश्य के साथ ही कैट ने श्री हेमन्त सोरेन से आग्रह किया है।
श्री सोन्थालिया ने कहा कि अब यह बहुत महत्वपूर्ण और नितांत आवश्यक है कि संपत्ति कर और व्यापार लाइसेंस दोनों का भुगतान 31 अक्टूबर, 2021 तक के लिए टाल दिया जाये।
कैट के राष्ट्रीय सचिव ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से अपील की राज्य के अन्य ज़िलों की तरह जमशेदपुर के बाज़ारों को अविलंब खोलना चाहिए। जमशेदपुर में कोविड रेकव्री रेट 96.42% है फिर क्या मापदंड के तहत कपड़ा , गहने, जूते और कॉज़्मेटिक को बंद रखा गया है? श्री सोन्थालिया ने कहा जमशेदपुर में कोविड से इतना ख़तरा है तो फिर सरकार से आग्रह होगा की दुकानो में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों का वेतन सरकार वहन करे।
आज दुकान के कर्मचारियों के परिवार भुखमरी के कगार पर है उनको कौन देखेगा। पर्व और शादी के सीजन में छोटे छोटे दुकानदार क़र्ज़ा लेकर दुकान में माल रखे हुये है और सारा माल पड़े पड़े आउटडेटेड हो गया उनकी पीड़ा को कौन समझेगा।
अत माननीय मुख्यमंत्री जी से सादर आग्रह होगा अविलंब जमशेदपुर में राज्य के अन्य ज़िलों की तरह सभी कारोबार करने की छूट प्रदान करे।