महुआडांड़ के ओरसा पंचायत के लोगों को इस कोरोना काल एवं भीषण गर्मी में पीने समेत अन्य कार्यो के लिए पानी के एक-एक बुंद के लिए तरसना पड़ रहा है। वहां के सभी जलमिनार बिते की महीनों से खराब पड़ा हुआ है।ओरसा पाठ के ग्रामीण सुंदरमनी नगेसिया,महसी नगेसिया,बिलासो नगेसिया, सुनिता नगेसिया,सांझो नगेसिया, गायत्री नगेसिया,बसंती देवी, मांगी नगेसिया,निलम नगेसिया,रवाईन नगेसिया,रजनी नगेसिया,कर्मी नगेसिया,भगमनीया नगेसिया, शांति नगेसिया,प्रभा नगेसिया,ललीत नगेसिया समेत कई लोगों ने बताया कि हमलोगों को पानी का भारी किल्लत से जुझना पड़ रहा है।जितने भी जल मिनार है सभी हाथी का दांत है। कोई भी जलमीनार से पानी नसीब नहीं हो है। पंचायत के मुखीया के द्वारा भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा है। हम लोगों इस भीषण गर्मी में दो से तीन किलोमीटर पैदल चल कर चुंवाड़ी आदि से पानी लाना पड़ता है। जिससे दिन का आधा समय पानी लाने में ही गुजर जाता है।और गर्मी का मार झेलना पड़ता है सो अलग है।ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हमारा गांव पंचायत अति सुदूरवर्ती एवं पठारी क्षेत्र में पड़ता है। महुआडांड़ प्रखण्ड मुख्यालय से ओरसा पंचायत कि दुरी तकरीबन 20 किमी है और रास्ता घाटी पहाड़ी वाला है। इसलिए अधिकारी भी यहां नहीं के बराबर आते हैं । और हम लोगों को देखने वाला भी कोई नहीं है।
संवाददाता शहजाद आलम महुआडांड़ से रिपोर्ट बबलू खान की