जमशेदपुर-16 मई।भाजपा के जिला महामंत्री अनिल मोदी ने 111 सेव लाइफ नर्सिंग होम प्रकरण पर अपनीं प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह समान्य घटना नहीं अपितु प्रदेश की वर्तमान शासकीय व्यवस्था के प्रति चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के रोष का प्रस्फुटन है।उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष से देश के साथ साथ झारखंड भी कोविड महामारी से जूझ रहा है इस महामारी से लड़ने में प्रदेश के डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी अपनीं जान की बाज़ी लगा रहें है ऐसे में उनको प्रोत्साहित करना तो दूर अपितु मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।उन्होनें साफ कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की कार्यशैली सकारात्मक नहीं है।स्वास्थ्य मंत्री की कार्यशैली से प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी परेशान
है परंतु कोई जल में रहकर मगर से बैर नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जमशेदपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मेडिका का बंद होना भी इसी कार्यशैली का दुष्परिणाम है।।उन्होनें कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की कार्यशैली का ही परिणाम है कि महज डेढ़ वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में 3 स्वास्थ्य सचिव एवं मंत्री जी के तीन आप्त सचिव बदले जा चुके है।उन्होनें कहा कोविड के इस दौर में नर्सिंग संस्थानों को प्रोत्साहित करनें के बदले “मौखिक जांच” के नाम पर प्रताड़ित करना समझ से परे है। उन्होनें साफ कहा कि “मौखिक जांच “के नाम से ही अनैतिकता की बू आती है।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को इस समय स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की ओर ध्यान देना चाहिए ना कि मौखिक जांच के नाम पर उनको परेशान करना।उन्होंने कहा कि पिछले साल के कोरोना लहर से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया और न स्वास्थ्य सुविधाएं बढाई, ओर ना ही स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की।आज प्रदेश के अस्पतालों में वेंटिलेशन मशीन कबाड़ होकर पड़ी है परंतु उनको चलाने के लिए योग्य टेक्नीशियन नहीं है।और लोग वेंटिलेशन के अभाव में दम तोड़ रहें है।प्रदेश में स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त हो चुकी है।कांग्रेस के ही विधायक डॉ इरफान अंसारी पहले ही सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि एक डॉक्टर विधायक के होते हुए भी एक मैट्रिक पास को स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया है।उन्होनें कहा कि प्रदेश की अराजक व्यवस्था इसी विरोधाभास का परिणाम है।उन्होनें कहा कि इस महामारी के दौर में प्रत्येक ईमानदार ऒर जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मी को भाजपा का नैतिक समर्थन है।

