गिरिडीह
मोहनपुर स्थित अतिवीर हाईटेक प्राईवेट लिमिटेड में शेड मरम्मति का काम कर रहे एक 32 वर्षीय ठेका मजदूर मो. खालिद की करीब 50 फीट ऊंचाई से गिर जाने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
आज दोपहर हुई इस दुर्घटना के बाद आदतन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा मामले को जैसे-तैसे मुआवजा देकर रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही थी, कि इसी बीच स्थानीय माले नेता सनातन साहू तथा सोनू रवानी ने इसकी सूचना अपने नेताओं को दी।
सूचना मिलते ही पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव तथा गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा फैक्ट्री गेट के समक्ष पहुंचे और मृतकों के परिजनों तथा स्थानीय लोगों को लेकर पर्याप्त मुआवजे की मांग पर अड़ गए।
सदर एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह, मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय कुमार राम, एएसआई प्रदीप यादव, प्रमोद कुमार सिंह, महतोडीह पिकेट प्रभारी मुंडा जी समेत अन्य पदाधिारियों की मौजूदगी में काफी जद्दोजहद के बाद मृतक के आश्रितों को फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 10.50 लाख रुपया मुआवजा देने पर सहमति बन पाई, जिसके बाद मृतक मजदूर के शव को अंत्य परीक्षण के लिए भेजा गया। समझौते के तहत डेढ़ लाख रुपया नगद भुगतान कर दिया गया जबकि शेष 9 लाख मृत्यु संबंधी कागजातों को जमा करने के बाद भुगतान करने का समझौता किया गया।
यद्यपि माले की टीम इससे संतुष्ट नहीं थी और वे श्रम विभाग के नियमानुसार 15 लाख 28 हजार मुआवजा के लिए अड़े थे।
मौके पर अगुवाई कर रहे माले नेता राजेश कुमार यादव, राजेश सिन्हा, सनातन साहू, सुरेश रवानी आदि ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन सरासर गलत कर रहा है। मजदूरों की गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाकर उसे जैसे-तैसे मुआवजा देकर मामले को सलटा दिया जाता है। ऐसे फैक्ट्री प्रबंधन के ऊपर प्रशासन को केस दर्ज करना चाहिए।
कहा कि, इन फैक्ट्रियों में मजदूरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता जिस कारण ऐसी घटनाएं घटती हैं। मजदूरों से संबंधित कागजात भी दुरुस्त नहीं रखे जाते, जिस कारण हर मौत के बाद मुआवजे के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। पिछली भाजपा की सरकार में ऐसा हो रहा था और मौजूदा झारखंड सरकार में भी यही रवैया शुरू हो गया है। यह सरासर गलत है। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इसे संज्ञान में लेकर फैक्ट्री प्रबंधन के ऊपर कड़ा रुख अख्तियार कर मजदूरों को उचित न्याय दिलाने की मांग की।
इस दौरान मुख्य रूप से सनातन साहू, सोनू रवानी, मो. मजबुल, उदय कुमार सिन्हा, राजू सिंह, रंजीत रवानी, मो. आजाद, मो. मुन्ना, मो. इनाम, मो. युनुस, मो. याकूब, मो. इस्लाम आदि मौजूद थे।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट