कोलकाता, बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद ही हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं घटी हैं। सभी घटनाओं में आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है।
बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में कल रात भाजपा दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया है। आग लगाने का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगा है। टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच पत्थरबाज़ी भी हुई है। इससे पहले कल हल्दिया में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला किया गया था।
भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हुगली जिले में उसके पार्टी कार्यालय को आग लगा दी और सुवेंदु अधिकारी समेत उसके कुछ नेताओं के साथ हाथापाई की।
पार्टी ने कहा कि यह सब तब किया गया जब चुनाव परिणामों में दिखा कि ममता बनर्जी की पार्टी बंगाल में अपनी सत्ता कायम रखने वाली है।
भाजपा का कहना है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उनकी पार्टी की प्रत्याशी सुजाता मंडल की हार होने के तुरंत बाद भगवा दल के आरामबाग कार्यालय को आग लगा दी। हालांकि, तृणमूल के सूत्रों ने इन आरोपों से इन्कार किया है।
पूर्व मेदिनीपुर में तृणमूल के लोगों ने भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के वाहन के पास प्रदर्शन किया। अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कांटे की टक्कर में बहुचर्चित नंदीग्राम सीट से हरा दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियों के समर्थक उत्तर 24 परगना के बारासात इलाके में चुनाव के नतीजों को लेकर तीखी बहस के बाद मारपीट पर उतर आए थे। भाजपा ने दावा किया कि उसके एक सदस्य को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के बेलाघाटा इलाके में बुरी तरह से पीटा। इस आरोप से तृणमूल ने इन्कार किया है।
जीत के जोश में होश खो रहे तृणमूल समर्थक
भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद उनके कार्यकर्ताओं का जोश आपे से बाहर हो गया है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कई स्थानों पर प्रतिनिधियों के ऊपर हमले हो रहे हैं। विगत दिवस दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा क्षेत्र में रात में आठ से 10 दुकानों को तोड़ने के साथ ही एक युवक की हत्या किए जाने की भी जानकारी मिली है।