देवघर । झारखंड में मधुपुर सीट हाई प्रोफाइल बना दिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस सीट को अपने लिए खास बताकर चुनाव को रोमांचक बना दिया। आठ दिन तक मुख्यमंत्री कैंप किए और रणनीति बनाकर काम किया। भाजपा की पूरी टीम ने भी रणनीति बनाकर मैदान साधने की पूरी कोशिश की है। फैसला रविवार को आएगा। जनता किसके सिर पर सेहरा बांधेंगी यह चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
मधुपुर उप चुनाव में एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री ने हफीजुल हसन के नामांकन के दिन ही मंच से एलान किया था यह सीट हमारे लिए खास है।
चुनाव मैदान में छह उम्मीदवार हैं। भाजपा से गंगा नारायण सिंह, झामुमो से हफीजुल हसन, चार निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कुमार ठाकुर, उत्तम कुमार यादव, किशन कुमार बथवाल एवं राजेंद्र कुमार हैं। चरकी पहाड़ी स्थित बज्रगृह में पारा मिलिट्री फोर्स और जैप के जवान तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा में पहरा दे रहे हैं। रविवार को सुबह आठ बजे से मतगणना का कार्य आरंभ होगा। 21 टेबल पर 24 चक्र की गणना होगी। दोपहर में तस्वीर साफ हो जाएगी। 3.22 लाख वोटर मधुपुर विधानसभा में हैं।
17 अप्रैल को 71.66 फीसद मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया है। जनता के रूझान से इतना तो साफ है कि भाजपा और झामुमो के बीच ही सीधी लड़ाई है। दावा तो दोनों दलों का है। और होना भी लाजिमी है। जब तक परिणाम नहीं आ जाते हैं तब तक तो सब जीतता है। परिणाम आने के बाद एक जीतता और दूसरा पराजित होता है। शनिवार की रात तो ज्यादा बेचैनी भरी है। रविवार की सुबह झामुमो और भाजपा के लिए उम्मीदों भरी होगी। देखना यह भी होगा कि निर्दलीय अशोक ठाकुर को जनता ने कितना साथ दिया। 2019 में झामुमो ने भाजपा से यह सीट छीन लिया था। 2014 में भाजपा ने झामुमो से यह सीट ले लिया था।