भाकपा माले समर्थित ‘एआईसीसीटू’, ‘कोल माइंस वर्कर्स यूनियन’ तथा ‘झारखंड जनरल मजदूर यूनियन’ की ओर से गादी श्रीरामपुर-मंझलाडीह में बैठक तथा पपरवाटांड़ स्थित उक्त यूनियनों के संयुक्त कार्यालय में ‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस’ की 135 वीं वर्षगांठ पर लाल झंडा फहराकर मजदूरों के हक-अधिकार को लेकर संघर्ष का आह्वान किया गया।
यहां माले नेता सह एआईसीसीटू के राष्ट्रीय पार्षद राजेश कुमार यादव कथा पार्टी का गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने मेहनतकशों के संघर्ष के प्रतीक लाल झंडा फहराते हुए केंद्र की मोदी सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प दोहराया।
‘कोविड’ के कारण कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं करते हुए सांकेतिक रूप से ‘मई दिवस’ के उपलक्ष में जहां ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ का नारा दिया गया, वहीं केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर वर्ग के अधिकारों को छीनने तथा दमनकारी नीतियों का विरोध किया गया।
मौके पर माले नेताओं ने कहा कि, मौजूदा दौर में कोविड को लेकर उत्पन्न जान-माल की क्षति से पूरा देश सदमे में है। इस मामले में केंद्र की सरकार ने अपनी जबरदस्त विफलता का परिचय दिया है। बिना सोचे समझे उठाए गए कदमों की सबसे ज्यादा मार मेहनतकशों के ऊपर ही पड़ी है। लेकिन सरकार ने इस दौरान भी गरीब मजदूरों के बजाय बड़ी-बड़ी कंपनियों के फायदे के लिए कदम उठाए। पूरे देश की मेहनतकश महिलाआें ने जहां उनके ऊपर छोटे-मोटे ऋणों को माफ करने की गुहार लगाई, वहीं सरकार ने इसे अनसुना कर बड़ी कंपनियों को सहूलियत देना जारी रखा।
कोरोना के शोर के बीच ही मौका पाकर मोदी सरकार ने मेहनतकश किसान-मजदूरों के ऊपर हमला बोलते हुए जहां किसानों के खिलाफ 4 काले कानून लाने का काम किया, वहीं श्रमिकों के पूर्व से जारी अधिकारों को खत्म करने के लिए 44 श्रम कानूनों को रद्द कर श्रम विरोधी 4 लेबर कोड भी लेे अाई।
कहा कि, मौजूदा स्थिति सामान्य होते ही सरकार के खिलाफ मजदूर वर्ग के संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा।
इस दौरान अन्य लोगों के अलावा पार्टी नेता सनातन साहू, सोनू रवानी, रंजीत रवानी, राजू सिंह, मो. नियाजुल, मो. मजबुल, मो. आजाद, मुन्ना साहू कन्हैया सिंह आदि थे।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट