गिरिडीह
सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम आनंद रॉय ने कहा कि सरकार के द्वारा लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर एवं बदहाल स्थिति में है। बिरनी प्रखंड के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। बिरनी प्रखण्ड में 1,80,000 (एक लाख अस्सी हजार) के करीब की आबादी है और इतनी बड़ी आबादी के लिए यहाँ एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जो बिरनी में, दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एक बरमसिया और दूसरा तुलाडीह जो कर्मचारियों के भरोसे है तथा दस उप स्वास्थ्य केंद्र जो क्रमशः मुरैना, बंगराकला, चितनखारी, खरखरी, पेशम, पोखरिया, द्वारपहरी, धर्मपुर, बलगो एवं शितलटोला में है जहाँ लगभग केंद्रों पर तो डॉक्टरों और नर्सों के कमी के कारण ताले लटके नजर आते हैं। यहाँ महिला डॉक्टर भी नहीं रहने के कारण महिलाओं को बेहतर उपचार के लिए गिरिडीह, धनबाद या राँची के लिए जाना पड़ता है और इस क्रम में तो कई बार ये देखा गया है की बहुत सी महिलाओं का इलाज के अभाव में असामयिक मृत्यु भी हो गई गई है। हालांकि वर्तमान विधायक श्री विनोद कुमार सिंह ने विधानसभा में सरकार तक बात पहुंचाई है और इस क्षेत्र में काफी पहल भी की है तथा और भी बेहतर व्यवस्था होगी इसकी जनता को विधायक एवं सांसद से पूरी उम्मीदें भी हैं।
श्री रॉय ने माननीय विधायक श्री विनोद कुमार सिंह, बगोदर एवं माननीय सांसद श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, कोडरमा से आग्रह किया है, हालांकि उन्होंने कहा कि बिरनी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में माननीय विधायक के पहल पर बेड एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। लेकिन इस महामारी में परिस्थितियों को देखते हुए बिरनी के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थय केंद्रों पर बेड एवं ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की जाए ताकि ग्रामीणों के इलाज में कोई अभाव न हो और इस महामारी से लड़ने में और भी मदद मिल सके।
गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट