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Wed. Dec 4th, 2024

EC Bans Victory Procession: हाईकोर्ट की फटकार का असर! चुनाव आयोग ने 2 मई को विजय जुलूस किए बैन

नई दिल्ली. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने चार राज्यों- असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की मतगणना को लेकर अहम ऐलान किया है. चुनाव आयोग ने कहा कि 2 मई को नतीजों के बाद किसी भी तरह का विजय जुलूस नहीं निकलेगा. सूत्रों ने एक आदेश के हवाले से कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में एक विस्तृत आदेश जारी किया जा रहा है.

गौरतलब है कि चुनाव आयोग की ओर से यह फैसला मद्रास हाईकोर्ट द्वारा की गई एक गंभीर टिप्पणी के बाद लिया गया. हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की तीखी आलोचना करते हुए देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिये उसे अकेले ‘जिम्मेदार’ करार देते हुए ‘सबसे गैर जिम्मेदार संस्था’ बताया था.

अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है. अदालत ने कहा था कि निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाएं करने की अनुमति देकर महामारी को फैलने के मौका दिया.

बता दें तीन राज्यों तमिलनाडु, केरल, असम और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए हैं जबकि पश्चिम बंगाल में 1 चरण का मतदान बाकी है. इन राज्यों के चुनावों की मतगणना दो मई को होगी.कोविड-19 से बचाव के लिए निर्वाचन आयोग ने सतर्क रहकर कदम उठाए: सूत्र

वहीं कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए ‘अकेले’ जिम्मेदार ठहराए जाने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि आयोग ने पहले बिहार में और फिर चार राज्यों एवं एक केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए.

सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिम्मेदारी है, लेकिन आयोग ने संक्रमण से लोगों को बचाने के मकसद से पश्चिम बंगाल में प्रचार मुहिम पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों को लागू किया. एक अधिकारी ने कहा कि नवंबर 2020 में सफलतापूर्वक बिहार विधानसभा चुनाव कराने के लिए आयोग की क्षमता की व्यापक प्रशंसा हुई थी. इस चुनाव में सात करोड़ 30 मतदाताओं ने 1,06,000 मतदान केंद्रों पर मतदान किया था.

सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 संबंधी हालात में सुधार, समग्र पुनरुद्धार के संकेत और दूसरी लहर की आशंका की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होने के बावजूद आयोग ने सावधानी से कदम उठाने का फैसला किया, सभी एहतियातन कदम उठाए और उन सभी राज्यों में कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल का पालन किया गया, जहां चुनाव होने थे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में कोविड-19 के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से पहले छह अप्रैल को चुनाव समाप्त हो गए थे. सूत्रों ने कहा कि वैश्विक महामारी अप्रत्याशित रूप से फैली और इसी तरह आयोग ने भी अप्रत्याशित कदम उठाए.

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