जमशेदपुर। कोरोना सर्वव्यापी महामारी एवम लाॅकडाउन ने एक आम अदमी की मानसिक स्थिति को कल्पनातीत स्थाई पर पंहुचा दिया। 43 प्रतिशत भारतीय अवसाद जैसे एक जटिल मानसिक बिमारी से जूझ रहें हैं। इसमे मनोभावों का संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाता है। अवसाद लाइलाज नही है। सही इलाज द्वारा पूर्णरूपेण निदान पाया जा सकता है। प्रारम्भिक दशा मे ही इसकी इलाज शुरु कर देनी चाहिये। परन्तु स्तिग्मा के चलते लोग मनोचित्सक या थेरापीस्ट के पास नही जाते।
स्वप्र्यत्न से भी अवसाद से निदान कैसे पाया जा सकता है इससे संबंधित कुछ उपाय जीवन संस्था की दुर्गा राव ने बताये हैं, जो इस प्रकार हैंः- साकारात्मक सोच लाने का प्रयत्न करे। अपनी परेशानी को किसी ना किसी से शेयर करें। ऐसे काम में अपने आप को व्यस्त रखें जिसमे आपको सबसे अधिक खुशी मिलती हो। नकारात्मक लोगों एवम् परिस्थितियों से दूर रहें। अकेलेपन से दूर रहे, लोगों से मिलें, बच्चो से खेलें, बुजुर्गों के साथ समय बिताएं, पशु पालें। समस्या का विश्लेषण करे। उससे समस्या का समाधान ढूंढने मे सहायता प्रप्त होगा। सेवा कार्यों, सामाजिक कार्यों, धार्मिक कार्यों मे भाग लें, सत्संग करे। प्रकृती से जुड़े, बागवानी करें। शारीरिक परिश्रम, वॉक, व्यायाम, योगा, मेडिटेशन करें। निःस्वार्थ भावना से दूसरो की सहायता करे। अपनी जीवन शैली मे बदलाव लायें, पौष्टिक आहार लें तथा अच्छी नींद लें।
इसके बावजूद स्वप्र्यत्न से निदान नही प्रप्त होता तो तुरन्त जीवन संस्था से 9297777499, 9297777500, 9955435500 एवं 9955377500 नंबर पर सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक सम्पर्क करें। यह सेवा निःशुल्क है एवम् पूर्ण गोपनीयता रखी जाती है।