जमशेदपुर
तेजी से बढ़ते कोविड महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली सहित देश की विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन, आंशिक लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू जैसे अन्य प्रतिबंधों के मद्देनजर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को भेजे दो अलग अलग पत्रों में जीएसटी एवं आय कर के अंतर्गत अप्रैल महीने में कारोबारियों द्वारा अनेक प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करने के प्रावधानों को स्थगित करने की मांग की है !
कैट के राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थलिया ने बताया कि 10 अप्रैल को, कैट ने श्रीमती सीतारमण को एक पत्र भेजकर अपील महीने में ही 11 प्रकार के जीएसटी के प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन करने को स्थगित करने का आग्रह किया ! इन प्रावधानों का पालन न करने पर देश भर के व्यापारियों पर भारी जुर्माना और ब्याज लगने का प्रावधान है !
इसी तरह, कैट ने श्रीमती सीतारमण को एक और पत्र 19 अप्रैल को भेजकर अप्रैल के महीने मेंआय कर में किए जाने वाले 15 प्रकार के प्रावधानों के पालन को भी स्थागिर करने की मांग की है और इन प्रावधानों का पालन न करने पर भी व्यापारियों को लेट फीस और ब्याज देना होगा जो बड़ा वित्तीय बोझ होगा!
श्री सोन्थलिया ने श्रीमती सीतारमण का ध्यान जीएसटी और आयकर अधिनियम के तहत अप्रैल के महीने में किए जाने वाले अनुपालन की ओर खींचा और उनको बताया कि कैसे इन सभी अनुपालनों का अगर समय पर अनुपालन नहीं किया गया तो ब्याज एवं भारी विलंब शुल्क चुकाना पड़ सकता है जबकि कोविड महामारी के कठिन समय जब सभी राज्य सरकारें एहतियाती कदम उठा रही हैं। और अपने-अपने राज्यों में कोविड के प्रसार को प्रतिबंधित करने के लिए पूर्ण कर्फ्यू, रात्रि कर्फ्यू , 72 घंटे का पूर्ण लॉकडाउन, पूर्ण लॉकडाउन, नियंत्रण क्षेत्र, आदि जैसे प्रतिबंध लगाए जा रहे है।इन परिस्थितियों में इन सभी वैधानिक प्रावधानों का पालन करना व्यापारियों के लिए संभव नहीं होगा। इसलिए इन प्रावधानों के पालन में देरी को व्यापारियों द्वारा जानबूझकर किया गया अपराध न मानते हुए, देश में स्थिति सामान्य होने तक देरी के लिए शुल्क और दंड को स्थायी रूप से कम से कम तीन महीने के लिए स्थगित किया जाए !