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COVID 2nd wave: एक्सपर्ट्स का दावा, दूसरी लहर में सबसे ज्यादा पॉजिटिव हो रहे युवा, दिख रहे हैं ये 6 लक्षण

कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। कोरोना वायरस का नया गंभीर रूप अब बच्चों और युवाओं को भी नहीं छोड़ रहा है। कोरोना अभी तक सिर्फ बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ितों के लिए घातक था लेकिन अब युवा भी तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों का मानना है कि बूढ़े लोगों की तुलना में बहुत सारे युवा कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में कहा था कि 65 प्रतिशत नए रोगी 45 वर्ष से कम आयु के हैं।

कोरोना वायरस के नए लक्षण

इस बार लक्षण अलग हैं। अब कोरोना के पहले जैसे लक्षण नहीं हैं। अब कई लोगों को मुंह सूखने, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण, मतली, डायरिया, गुलाबी आंख और सिरदर्द की शिकायत हो रही है। हर कोई बुखार की शिकायत नहीं कर रहा है।

बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा वायरस

मुम्बई के पीडी हिंदुजा नेशनल हॉस्पिटल के एक सलाहकार न कहा, ‘हम 12 से 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी देख रहे हैं। पिछले साल व्यावहारिक रूप से कोई बच्चे नहीं थे।”

वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने कहा है कि भारत में कोरोना के प्रभाव का पता करने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है। फिलहाल लोगों को मास्क पहनना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना जैसे नियमों का पालन करना चाहिए।

विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना वायरस का न्य रूप बच्चों को आसानी से संक्रमित कर सकता है। समस्या यह है कि बच्चों के लिए कोई टीका भी नहीं है। कथित तौर पर, वायरस का नया संस्करण 8 महीने से 14 साल के बच्चों में तेजी से फैल रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से संक्रमित बच्चों की सबसे अधिक संख्या दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक से है। संकट के इस समय बच्चों पर पूरा ध्यान देना जरूरी है। हम आपको कोरोना के लक्षण बता रहे हैं, जो बच्चों में नजर आ सकते हैं।

बच्चों में कोरोना के सामान्य लक्षण

हार्वर्ड हेल्थ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे उन लक्षणों से पीड़ित हो सकते हैं जो वयस्कों से पूरी तरह से अलग हो सकते हैं। कुछ बच्चों में लक्षण महसूस भी नहीं होते और किसी में कम लक्षण दिख सकते हैं।

बच्चे 103-104 डिग्री सेल्सियस बुखार से पीड़ित हो सकते हैं। यदि बुखार 4-5 दिनों तक जारी रहता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और माता-पिता को रक्तचाप पर भी नजर रखनी चाहिए। पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से ऑक्सीजन लेवल को मापा जा सकता है।

सामान्य संकेतों के अलावा, कई बार बच्चे वयस्कों के लक्षण अलग दिखा सकते हैं। लंबे समय तक ठंड बच्चों के फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है और निमोनिया भी हो सकता है।

इसके अलावा भरी हुई नाक भी शरीर में वायरस की उपस्थिति का संकेत दे सकती है। चेहरे और होठों का लाल होना, फटे होंठ, फफोले, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और भूख न लगना बच्चों में कोरोना के कुछ अन्य लक्षण हैं।

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