छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर आई है। नक्सलियों ने पांच दिन पहले सीआरपीएफ के जिस जवान को अगवा कर लिया था, उसे गुरुवार शाम को रिहा कर दिया गया है। जवान का नाम राकेश्वर सिंह है। इस जवान को नक्सलियों ने बीजापुर-सुकमे हमले के बाद बंधक बना लिया था। इसके बाद से ही देशभर में इस जवान की रिहाई की मांग उठाई जा रही थी।
जवान की रिहाई के बाद परिजनों में खुशी का माहौल है।जवान की मां कुंती देवी ने इस बारे में मीडिया में बयान दिया है कि- हम बहुत ज्यादा खुश हैं।जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था।
इससे पहले बुधवार को नक्सलियों ने ये खुलासा किया था कि राकेश्वर सिंह उनके कब्जे में हैं। साथ ही नक्सलियों ने उन्हें छोड़ने की शर्त भी रख दी। ये भरोसा देने के लिए कि राकेश्वर उनके ही कब्जे में हैं नक्सलियों ने बुधवार सुबह उनकी लाइव फोटो भी जारी कर ये बता दिया है कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सुरक्षित हैं।
इस फोटो में राकेश्वर जंगल में बने पत्ते के झोपड़े के नीचे बैठे थे। जिस अंदाज में वे बैठे थे ऐसा लग रहा थे कि वे बात कर रहे हैं। ध्यान देने वाली बात है कि मंगलवार को नक्सलियों ने प्रेसनोट जारी कर ये शर्त रखी थी कि सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे, इसके बाद वे जवान को सौंप देंगे।
मुठभेड़ के तुरंत बाद नक्सलियों ने बस्तर के एक पत्रकार को कॉल कर ये जानकारी दी थी कि कोबरा बटालियन के मिसिंग जवान राकेश्वर सिंह मनहार उनके कब्जे में हैं। फिर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने प्रेस नोट जारी कर ये बात बताई। उन्हें जब लगा कि अभी लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है तो बुधवार को राकेश्वर की फोटो जारी की गई है।
सूत्रों के अनुसार