घाटशिला
अनुमंडल के गालुडीह से बहरागोड़ा के बीच आए दिन एन एच 18 पर कई लोगों की जान जा चुकी है । बहरागोड़ा ,धालभूमगढ, घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के समीप एनएच 18 पर महज कुछ दिनों पहले अलग-अलग सड़क दुर्घटना में हुई चार लोगों की दर्दनाक मौत के एक दिन पहले ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, सांसद विद्युत वरण महतो एवं स्थानीय विधायकों की गरिमामयी उपस्थिति में उक्त सड़क का निर्माणपूर्ण होने पर ऑनलाइन उद्घाटन कर दिया गया । एवं वर्चुअल संवाद के जरिये चर्चा के दौरान इन सभी सम्मानित जनप्रतिनिधियों में से किसी भी प्रतिनिधि द्वारा उक्त निर्माणपूर्ण सड़क की त्रुटियों पर केंद्रीय मंत्री के पास दृष्टिगोचर नहीं किया गया। जबकि इससे पहले भी कई बार इस तरह के दुर्घटनाओं में उक्त सड़क पर लोगों की बलि चढ़ चुकी हैं एवं कई बार अभाविप नेता स्थानीय लोग एवं समाजिक नेतृत्वकर्ता द्वारा सड़क जाम भी किया गया है । जिसे लेकर आम जगहों पर उक्त सड़क का आलोचना का माध्यम भी बना । लेकिन इस बार-बार दुर्घटना पर रोक लगाने के बजाय स्थानीय विधायक एवं प्रशासन के द्वारा आश्वासन के बाद पूरा आवाम द्वारा आख मूंद कर चुप्पी साध ली जाती है । जबकि उक्त सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकार एवं केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के आधीन आता है ,केंद्र सरकार का अंग होते हुए भी स्थानीय सांसद द्वारा एक बार भी उक्त सड़क के खामियों को न तो सांसद में,न सड़क में,न ही संवाद पत्रों में उजागर किया गया। क्या स्थानीय जनप्रतिनिधि होने के कारण रंगदारों की पिटाई होने पर पुलिस प्रशासन के ऊपर धौंस जमाना है? क्या सड़क दुर्घटना में जान गवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति सम्वेदना नही है ? इस तरह दर्दनाक मौतों का सिलसिला कब तक जारी रहेगा ? क्या यह सड़क निर्माण में रह गए त्रुटियों पर कोई ध्यान देने योग्य नहीं है । केवल लोगों के सड़क दुघर्टना में हुई मौत के बाद केवल आश्वासन ही मिलता रहेगा।
घाटशिला कमलेश सिंह