जमशेदपुर। मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी शाखा द्वारा आयोजित एक शाम हनुमान के नाम (हमारे हनुमान एवं परिवार प्रबंधन विषय पर) भारत के प्रसिद्ध कथावाचक विजय शंकर मेहता ने अपने व्यख्यान में कहा कि हनुमान जी ब्रह्मचारी तो है लेकिन उनमें परिवार बचाने के सूत्र मिल जाएंगे क्योंकि हनुमान जी परिवार के साथ-साथ वैज्ञानिक देवता भी माने जाते है। हनुमान जी का जीवन वाकई प्रेरणादाई है। हम सब को अपने जीवन में अमल लाने योग्य हैं। पूरे विश्व में भारत जैसी परिवार व्यवस्था कहीं नहीं है। परिवार के केंद्र में भगवान होना चाहिए और परिधि पर संसार रहे तो परिवार कभी नहीं टूटेगा। उन्होने बताया कि हनुमान जी से जुड़ने का सबसे सरल माध्यम हैं हनुमान चालीसा। उन्होंने दो घंटे के अपने उद्बोधन में हनुमान जी की जीवनी के बारे में बताया और कई उदाहरण देते हुए परिवार और रिश्तों को बचाने के लिए व्यक्ति की आध्यात्मिक भूमिका के महत्व और ध्यान के बारे में कई अहम सूत्र बताए।
इससे पहले बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ कथावाचक पंडित विजय शंकर मेहता एवं मुख्य अतिथि विधायक सरयू राय, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी अरुण बकरेवाल, अशोक भालोटिया, कृष्णा अग्रवाल एवं शाखा अध्यक्ष विष्णु गोयल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। मौके पर सभी अतिथियों का स्वागत पौधा देकर एवं दुपट्टा पहनाकर किया गया। साथ ही सम्मान पत्र से सम्ममनित किया गया। मुख्य अतिथि विधायक सरयू राय ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि गुरुजी से उनका पुराना रिश्ता रहा है और वे समय के बहुत पक्के है। साथ ही मायुमं स्टील सिटी शाखा कि भुरी भुरी प्रशंसा करते हुए सेवा कार्य को सराहा। विशिष्ट अतिथि अशोक भालोटिया एवं अरुण बकरेवाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि मायुमं स्टील सिटी शाखा द्वारा यह एक अच्छी पहल है कि युवा कैसे अपने परिवार को टूटने से बचा सकते है।
फैशन में मत जाओं, सावधानी जरूरी
पंडित विजय शंकर मेहता ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए बताया कि सावधानी बहुत जरूरी है। उन्होने सभी से अनुरोध किया कि फैशन में मत जाओं, सुरक्षित रहें और अपने आपको सावधान रखे क्योंकि यह बीमारी फिर से वापस अपना रूप दिखा रही है। उन्होने कहा कि परमात्मा से जुड़ने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। मगर भगवान भी कहते हैं कि जब वे अवतार लेते हैं तो वे भी सावधानी बरतते हैं। उन्होंने बताया कि कृष्ण भगवान ने जरासंध नामक राक्षस को 17 बार युद्ध में हरा चुके थे परन्तु 18 बार में जरासंध की सेना देखकर रन छोड़कर भाग गए तभी से उन्हें रणछोड़ दास कहा जाता है।
शनिवार की शाम इस कार्यक्रम में दूसरे शहर के भी कई लोग शामिल हुए। कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अंतर्गत इस कार्यक्रम में केवल पास द्वारा ही प्रवेश दिया गया जिसमें बेहद ही सीमित लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की सफलता पर शाखा सचिव प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि आज के इसके पीछे मंच कि एकता और संयम ही है जिसके द्वारा सदस्यों ने इतने कम समय में कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम संयोजक मोहित शाह एवं आशीष खन्ना ने संयुक्त रूप से बताया कि कोरोना काल के बाद से लोगों में धार्मिक भावना एवं परिवार को महत्व देने कि परंपरा बढ़ गई है इसी को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रमुख रूप से शाखा अध्यक्ष विष्णु गोयल, सचिव प्रशांत अग्रवाल, संयोजक मोहित शाह व आशीष खन्ना, प्रेस प्रभारी सुमित देबुका समेत मंच के सभी युवा साथियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।