जमशेदपुर
पैरवी हैं तो कुछ भी मुमकिन है। ये मानगो तेली लाइन निवासी नंदलाल गुप्ता पर फिट बैठती है। उस पर उत्तम साहू की हत्या का मामला दर्ज है। मृतक के स्वजनों ने हत्या में उसे साजिशकर्ता बताया है। घटना विगत 16 अक्टूबर की है। चार माह बाद भी पुलिस की नजर में वह फरार है। फरारी का इश्तेहार चस्पा कर चुकी है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है। बकौल पुलिस कानून के तहत काम करना बता रही। इश्तेहार के बाद कुर्की वारंट लिए जाएंगे, लेकिन हत्या के दूसरे मामले में ऐसा शायद ही देखने को मिलते है। पुलिस नामजद आरोपित को गिरफ्तार न्यायिक अभिरक्षा में भेज देती है। हत्या में जांच के नाम पर उसे समय दिए जा रहे है ताकि अदालत में इस बीच उसे जमानत मिल जाएं। अनुसंधान में कुछ ऐसा हो जाए जिसका लाभ मिल जाएं। आरोपित की लंबी पैरवी है। थानेदार कार्रवाई से हिचक रहे हैं।
लापता मामले को गंभीरता से नहीं लेती पुलिस :
लापता मामले को आजकल पुलिस गंभीरता से नहीं लेती। उसे तलाशने के प्रयास नहीं होते। परिणाम, लापता होने वाले का शव नदी, झाड़ी या पहाड़ी इलाके के सुनसान स्थल पर सड़ा-गला मिलता है। पोस्टमार्टम के बाद भी मौत का कारण ही पता नहीं चल पाता। एनआइटी का छात्र राजा कुमार 14 फरवरी को गोलमुरी से लापता हो गया। मोबाइल के कॉल डिटेल्स निकाली गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला। पिता ने हत्या किए जाने की नीयत से अपहरण की प्राथमिकी गोलमुरी थाना में दर्ज कराई। 19 फरवरी को एनआइटी की पानी टंकी की सप्लाई पाइप लाइन में शव मिला। विगत 11 दिसंबर से लापता सोनारी निवासी आकाश सिंह का शव कपाली के पुडीसिली जंगल में पेड़ से रस्सी के सहारे फंदे से लटका मिला। पैर जमीन से सटे थे। शव कंकाल का रूप ले चुका था। पिता ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन हर केस की तरह अनुसंधान जारी है।
कहे ना थाना को कोई नहीं सूचना :
सुंदरनगर थाना क्षेत्र के तुरामडीह डैम के पास 22 फरवरी को बाइक सवार तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिनमें दो की मौत एमजीएम अस्पताल में हो गई। तीसरे की टाटा मुख्य अस्पताल में हो गई। मृतकों का पोस्टमार्टम भी हो गया। मृतकों के स्वजनों से लेकर स्थानीय लोग परेशान हुए। सुंदरनगर थाना प्रभारी से लोगों ने घटना को लेकर जानकारी मांगी। कहां और कैसे दुर्घटना हुई ये जानने के प्रयास किए। प्रभारी हर बार यही कहते रहे कि थाना में ऐसी कोई सूचना नहीं है। पता लगाने अधिकारी को भेजे है। जब कोई आएगा तबे न कुछ पता चलेगा। घटना कहां हुई। फिर वहीं सवाल पूछ रहे। कहे ना थाना में ऐसी जानकारी नहीं है। तीन की मौत हो गई। बाइक सवार किस वाहन की चपेट में आए या किसी से टकरा गए। पुलिस सूचना नहीं होने का हवाला देती रही। इससे थाना की सक्रियता का अंदाजा लगाए जा सकते है।
छिनतई का सिलसिला आखिर कब तक : शहर में लगातार लूट-छिनतई की वारदात से लोग सहमे हुए है। पुलिस सक्रियता पर सवाल उठ रहे है। होना भी लाजिमी है। बदमाशों के हौसले बुलंद है। पहले सुनसान क्षेत्र में रात के अंधेरे में छिनतई करते थे। अब गली-मुहल्लों से निकलकर सड़क पर आ गए है। बिष्टुपुर जैसे इलाके में झपट्टामार बाइकर्स गैंग ने छह लाख रुपये छीन लिए। लोगों ने घटना देखी जिस शिक्षिका का बैग छीना गया वह रोती-बिलखती रही। किसी ने मदद नहीं की। वह थाने पहुंची। इंस्पेक्टर को मामले से अवगत कराया। पुलिस हरकत में आई। सिटी एसपी बिष्टुपुर, जुगसलाई होते हुए सुंदरनगर थाना तक पहुंच गए। कुछ नहीं मिला। बैंक अधिकारियों के साथ वरीय अधिकारियों ने बैठक की। पहले की तरह आदेश दोहराए गए। बैक से अधिक रकम निकासी करने वालों की सूचना पुलिस को दी जाए, लेकिन आदेश पर अमल नहीं करने वालों पर क्या कार्रवाई होगी इस पर मुनासिब चर्चा नहीं हुई।