नई दिल्ली: कहते हैं गुनहगार कितना भी समझदार क्यों ना हो, लेकिन वह कोई ना कोई गलती कर ही देता है। ऐसा ही कुछ सामने आया है, पश्चिम बंगाल के कोयला घोटाले में भी। यहां पर सिर्फ 20 रुपए का नोट ने पांच हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला खोल दिया। अब तक जो खुलासा हुआ है, उसके मुताबिक पश्चिम बंगाल के कोयला खदान से कोयला लदे ट्रक जब बिहार, झारखंड भेजे जाते थे तो फर्जी इनवॉयस बिल में 20 का नोट चिपका दिया जाता था। यह नोट ही ट्रकों का पासिंग कोड था।
कोयला घोटाले मामले में CBI ने जैसे ही ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचकर उनकी पत्नी को नोटिस थमाया, वैसे ही बंगाल में मानो सियासी बवंडर आ गया।ममता के सबसे बड़े सियासी विरोधी और बंगाल की सिंहासन के लिए संघर्ष कर रही बीजेपी ने ममता और उनके परिवार पर आरोपों को झड़ी लगा दी। चर्चा मुद्दों से हटकर ममता के परिवार और कोयले की होने लगी।
आखिर क्या है कोयला मामला, जिसके कालिख ममता परिवार तक पहुंची:
दरअसल, 21 फरवरी को देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ने राज्य में कोयला चोरी और अवैध कोयला खनन के मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन जारी किया। सीबीआई ने अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा। इस खबर की जानकारी खुद ट्वीट कर ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने दी थी। भले ही चुनाव के वक्त कोयला घोटाले का मामला गर्माया और इसकी टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए गए, लेकिन मामला पिछले साल से जुड़ा हुआ है।
असल में केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि CBI ने 27 नवंबर, 2020 को ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड यानि ECL के कई अधिकारियों-कर्मचारियों और अनूप मांझी उर्फ लाला, सीआईएसएफ और रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि ईसीएल, सीआईएसएफ, रेलवे और संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों की मिलीभगत से ईसीएल के लीजहोल्ड क्षेत्र से कोयले की चोरी और तस्करी की गई। कहा गया कि इस मिलीभगत के ज़रिए सरकार के में बैठे लोगों को फायदा भी पहुंचा गया।
कोयला घोटाले के जिन्न को समझिए:
पश्चिम बंगाल में बर्दवान ज़िले का आसनसोल और रानीगंज इलाका कोयलांचल के नाम से मशहूर है। बीते साल मई में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड यानि ईसीएल के विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को पता चला था कि कुछ गिरोह बड़े पैमाने पर अवैध रूप से कोयले की खुदाई कर उसे बाज़ार में बेच रहे हैं, जिसके बाद टीम एक्शन में आ गई थी।
टीम ने तब पाया था कि अवैध कोयला खनन में कई मशीनें लगी हैं और ढुलाई के लिए भी वहां बड़ी संख्या में गाड़ियां खड़ी हैं। टीम ने तब बड़े पैमाने पर कोयले की जब्ती की थी। इलाके में कई भारी-भरकम मशीनें लगी होने से साफ पता चल रहा था कि अवैध खनन और कोयले ढुलाई का काम संगठित तौर पर चल रहा है। ये खुदाई मुख्यरूप से उन खदानों में होती थी, जिनको असुरक्षित मानकर बंद कर दिया गया था। उसके बाद विश्वसनीय सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर सीबीआई ने बीते साल नवंबर में इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की तो चौंकाने वाले कई तथ्य सामने आए।
सीबीआई की एफआईआर में इस मामले के मुख्य अभियुक्त अनूप मांझी उर्फ लाला, विनय मिश्र, ईसीएल के दो महाप्रबंधकों और सुरक्षा अधिकारियों समेत छह लोगों के नाम शामिल थे। मामला सिर्फ बंगाल तक नहीं जुड़ा है बल्कि इस मामले में सीबीआई अब तक कई राज्यों के दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। छापेमारी के दौरान ईसीएल के एक सुरक्षा इंस्पेक्टर की दिल का दौरा पड़ने से मौत भी हो चुकी है। अनूप मांझी उर्फ लाला को कोयलांचल में कोयला तस्करी गिरोह का सरगना कहा जाता है। लाला के ठिकानों पर पिछले कई महीनों में सीबीआई ने कई छापे मारे हैं, लेकिन अभी तक लाला सीबीआई की पकड़ से बाहर हैं।
इस मामले के दूसरे प्रमुख अभियुक्त विनय मिश्र को ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है, वो टीएमसी की युवा शाखा में अभिषेक की टीम का सदस्य भी था। फिलहाल लाला और मिश्र दोनों फरार हैं और चुनाव की सरगर्मियों के बीच अब सीबीआई की तलाश अभिषेक की पत्नी तक पहुंच गई है। सीबीआई को शक है कि कोयला घोटाले से जुड़े कुछ संदिग्ध लेन-देन अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उनकी बहन के खाते से किए गए हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, गवाहों और संदिग्धों के बयान के आधार पर सीबीआई को रुजिरा व उनकी बहन मेनका गंभीर की भूमिका अवैध कोयला खनन और चोरी में नजर आई है, उसी के आधार पर पूछताछ हो रही है।
आपको बता दें अभिषेक की पत्नी का नाम तब उछला जब टीएमसी से नाता तोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने बीती दो फरवरी को ‘मैडम नरूला’ यानी अभिषेक की पत्नी पर आरोप लगाते हुए उनके थाईलैंड के बैंक खाते की चर्चा की थी, जिसके बाद अभिषेक बनर्जी ने पलटवार करते हुए बीजेपी को आमने-सामने लड़ने की चुनौती दी थी।
सूत्रों के मुताबिक रुजिरा बनर्जी की कंपनी LEAPS & BOUNDS MANAGEMENT Services LLP संदेह के घेरे में है। इसके कुछ बैंकिंग ट्रांजैक्शन्स पर सीबीआई को शक है। सीम ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने ये कंपनी अपनी मां के नाम पर बनाई थी। अभिषेक ने दूसरी कंपनी चार साल पहले मार्च 2017 में बनाई थी। इन कंपनियों में उनकी पत्नी, साली और पिता अमित बनर्जी पार्टनर और निदेशक हैं। सियासी विरोधी इसे भी लेकर ममता पर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाते हैं। बहरहाल, बंगाल में कोयले के घोटाले को लेकर सियासत चरम पर है और हो भी क्यों ना, क्योंकि हर चुनाव में कोयला घोटाला बड़ा मुद्दा बनता है। बता दें कि बंगाल में अवैध कोयले की खुदाई और बिक्री के इस कारोबार का सालाना टर्नओवर अरबों का माना जाता है। कोयला उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि इलाके में अवैध खनन एक समानांतर उद्योग है, जिसपर सियासी रसूख रखने वालों की दखल जरूर होती है।
बबलू खान की रिपोर्ट