Wed. Oct 23rd, 2024

जमशेदपुर के जिस पाइप में शव, उसी का पानी पी रहा था आधा शहर, फिर इस तरह मामला आया सामने

जमशेदपुर:- पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एनआइटी पानी टंकी की पाइपलाइन में सड़ा-गला शव जिस पाइप में शव फंसा हुआ था, उसी से आदित्यपुर के आधे हिस्से में जलापूर्ति हो रही थी। एनआइटी क्षेत्र की जलापूर्ति में बाधा आने के बाद जांच के दौरान पाइपलाइन में शव होने की बात सामने आयी। जानकारी मिलने पर तत्काल प्रभाव से शुक्रवार को आदित्यपुर समेत शहर के आधे इलाके में जलापूर्ति रोक दी गयी थी। क्षेत्र में जलापूर्ति पाइप के भीतर दो पैर दिखायी पड़ने पर टंकी का पानी खाली कराया गया। शव को बाहर निकालने के लिए रांची से एनडीआरएफ की टीम बुलायी गयी थी। शव मंगलवार को या उससे पहले से टंकी से होते हुए पाइप में पहुंचने की अनुमान लगाई जा रही हैं।हालांकि, इस दौरान उसी पाइपलाइन से ही क्षेत्रों में जलापूर्ति की जा रही थी।

किसी के लापता होने की सूचना नहीं :आरआइटी पुलिस के मुताबिक, इलाके में किसी भी व्यक्ति की लापता होने की सूचना नहीं है। शव को निकालने का प्रयास शनिवार को किया गया ।

पूरे शहर की जलापूर्ति व्यवस्था संभालने वाले प्रतिबंधित क्षेत्र में पेयजल विभाग द्वारा किसी भी सुरक्षाकर्मी की तैनाती नहीं की गयी थी। यहां टंकियों में चार-पांच स्टाफ की ड्यूटी लगती है। यहां के कर्मचारी वहीं रहते हैं। लोगों के अनुसार पानी की टंकी व इसके आसपास नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। उसे भय से कोई कुछ बोलता नहीं है। टंकी में शव मिलने के सूचना मिलने के दौरान भी कई युवक ऊपर चढ़ गये थे जिन्हें पुलिस ने भगाया।

टंकी की सफाई होने तक क्षेत्र में ठप रहेगी जलापूर्ति

सीतारामपुर स्थिति फिल्टर प्लांट से जलापूर्ति बंद कराने के बाद वाशआउट से पानी बाहर निकालकर शाम तक टंकी को खाली कर दिया गया है। टंकी की सफाई के बाद ही यहां से जलापूर्ति संभव हो सकेगा। इस टंकी से आदित्यपुर दो व एनआइटी को पानी जाता है। इससे एनआइटी के अलावा आदित्यपुर दो के कुलुपटांगा व इच्छापुर भी पानी जाता है। जबकि दूसरी टंकी से गम्हरिया व आदित्यपुर वन में जलापूर्ति की जाती है ।

कैसे सामने आया मामला

औद्योगिक क्षेत्र में पहाड़ी पर स्थित पानी की दो टंकियों में एक में शव मिला है। शव मिलने की सूचना पर आरआइटी पुलिस वहां पहुंची। मंगलवार को एनआइटी की जलापूर्ति में बाधा आयी थी। इसके बाद गुरुवार दोपहर से पानी पूरी तरह बंद हो गया था। शुक्रवार दो बजे पाइपलाइन में कचरा जमा होने की आशंका से वॉल्व खुलवाकर जांच करने पर वहां तक पानी नहीं पहुंचने पर टंकी से जुड़े बेंड को खुलवाया गया था। जहां तेज दुर्गंध आने पर पहले अनुमान लगाया गया कि टंकी में कोई पशु मर गया होगा। बाद में टॉर्च की रोशनी पाइप के भीतर डालने पर किसी व्यक्ति के दो पैर दिखे। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि कोई इंसान पानी के टंकी के भीतर कैसे आया। इधर विभाग के लोगों का कहना है कि टंकी में ऊपर से किसी व्यक्ति के घुसने का कोई रास्ता नहीं है. सिर्फ हवा निकलने के लिए स्थान ही छोड़ा गया है‌।

घाटशिला कमलेश सिंह

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