Breaking
Mon. Feb 24th, 2025

आंदोलनकारियों के खून पसीने से सींचा हुआ अलग राज्य है, झारखंड, रशीद खान,

लातेहार

21 वर्षों के दरमियान में झारखंड की सत्ता की बागडोर कभी बाबूलाल मरांडी, मधु कोड़ा शिबू सोरेन, रघुवर दास, हेमंत सोरेन, ने संभाली लेकिन सत्ता की नुमाइंदगी करने वाले इन मुख्यमंत्रियों ने कभी भी आंदोलनकारियों के लिए एक नियति एक समान नीति का निर्धारण नहीं किया जिसके फलस्वरूप आज अलग राज्य की लड़ाई लड़ने वाले आंदोलनकारी अपने ही खून पसीने से सींचे हुए राज्य पर अपनी मान सम्मान पेंशन का मोहताज बने हुए हैं इन्हीं कारणों से आक्रोशित होकर संपूर्ण झारखंड प्रदेश में अपनी परंपरागत साजो सामान से लैस होकर 1 मार्च 2021 को झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा केंद्रीय कमेटी रांची की निर्णय अनुसार विधानसभा घेराव का कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी जिलों से खासतौर से लातेहार पलामू गढ़वा जिला के आंदोलनकारी हजारों की संख्या में रांची पहुंचने का आग्रह केंद्रीय सचिव आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के रशीद खान, ने किया।

राजधानी न्यूज़ (लातेहार)बबलू खान की रिपोर्ट

Related Post